मनेंद्रगढ़। छत्तीसगढ़ ड्राइवर महासंगठन की राज्यव्यापी हड़ताल का असर मनेंद्रगढ़ में आंशिक रूप से देखने को मिला। शनिवार को लगभग 60 फीसदी बसें मनेंद्रगढ़ बस स्टैंड से संचालित हुईं, जबकि अंबिकापुर-शहडोल मार्ग की कई बसें ठप रहीं। हड़ताल के कारण यात्रियों को त्योहार के बाद अपने कार्यस्थलों की ओर लौटने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं रोजाना बस से ड्यूटी पर आने-जाने वाले कर्मचारियों को भी परेशानी झेलनी पड़ी। हालांकि शनिवार को शासकीय अवकाश होने से सरकारी कर्मचारियों को राहत मिली।रविवार को ड्राइवर महासंगठन के बैनर तले स्थानीय बस स्टैंड में बड़ी संख्या में चालक एकत्रित हुए और पैदल मार्च निकालकर अपनी 10 सूत्रीय मांगों के समर्थन में जोरदार नारेबाजी की। संगठन ने राज्यभर में “महाबंद” का आह्वान किया है। कठौतिया तिराहे में हड़ताली चालकों ने राहगीरों और वाहन चालकों से समर्थन मांगा। हालांकि कुछ समय के अंतराल पर सीमित बसों का संचालन भी होता रहा ताकि यात्रियों को आंशिक राहत मिल सके।
महासंगठन की प्रमुख मांगों में ड्राइवर वेलफेयर बोर्ड का गठन, सड़क दुर्घटना में चालक की मृत्यु होने पर परिवार को 20 लाख रुपये का मुआवजा और दुर्घटना में दिव्यांग होने की स्थिति में 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता शामिल है। इसके अलावा ड्राइवर दिवस को 1 सितंबर के रूप में घोषित करने, चालक परिवार के लिए हेल्थ कार्ड जारी करने, बीएनएस की धारा 105(10) में 10 साल की सजा और 8 हजार रुपये जुर्माने वाले प्रावधान को रद्द करने की मांग की गई है। संगठन ने साथ ही राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू करने और “ड्राइवर आयोग” के गठन की भी मांग उठाई है। चालकों ने कहा कि सरकार लंबे समय से उनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है। परिवहन क्षेत्र के इस अहम वर्ग की सामाजिक सुरक्षा और सम्मान की दिशा में ठोस कदम उठाए बिना परिवहन व्यवस्था सुचारु नहीं रह सकती। हड़ताल का असर प्रदेश के कई जिलों में देखा जा रहा है, जबकि मनेंद्रगढ़ में स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है।

