मुंगेली/लोरमी।गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने क्षेत्रीय समस्याओं और जनता की आवाज़ को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया, जो पूरी तरह सफल रहा। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में किसान, मजदूर, दुकानदार और व्यापारियों ने भाग लिया। पार्टी ने प्रशासन और भाजपा सरकार के खिलाफ बिजली कटौती, राशन वितरण में अनियमितता, कृषि सामग्री की उपलब्धता, स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव, नहर विस्तार सहित 21 सूत्रीय मांगों को लेकर जवाबदेही और ठोस समाधान की मांग की। पार्टी नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने इन समस्याओं पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
भाजपा सरकार पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का तीखा प्रहार: दो-दो मंत्री होते हुए भी क्षेत्र विकास से वंचित
धरने में पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य निलेश पांडेय ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने केंद्रीय मंत्री तोखन साहू और उप मुख्यमंत्री अरुण साव को निष्क्रिय बताते हुए कहा कि “डबल इंजन की सरकार” के बावजूद लोरमी और मुंगेली जिलों को विकास से कोसों दूर रखा गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार केवल आश्वासन और दिखावे की राजनीति कर रही है, जबकि आदिवासी बहुल क्षेत्रों की उपेक्षा लगातार जारी है। निलेश पांडेय ने कहा कि यह सरकार आदिवासी समाज के अधिकारों और क्षेत्रीय विकास के मुद्दों को हाशिए पर रखकर केवल पूंजीपतियों की राजनीति कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह रवैया नहीं बदला गया तो जनता सड़कों पर उतरकर जवाब देगी।
इसी क्रम में डा. विश्राम करन धुर्वे ने भी भाजपा शासित सरकार पर तीखा जुबानी हमला किया और गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार की मौजूदगी के बावजूद मुंगेली और लोरमी जैसे आदिवासी बहुल ब्लॉकों में जनहित की योजनाएं धरातल पर नहीं हैं। नहरों का विस्तार रुका हुआ है, स्वास्थ्य सेवाएं जर्जर हैं, और किसान खाद की किल्लत से परेशान हैं। डा. धुर्वे ने इसे भाजपा सरकार की “शर्मनाक विफलता” बताया और कहा कि यह सीधी चोट जनता की भावनाओं पर है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने अब भी जागरूकता नहीं दिखाई तो गोंडवाना क्षेत्र में व्यापक जनआंदोलन छेड़ा जाएगा।
समान शिक्षा, समान न्याय और समान रोजगार की मांग: गुरु केवल प्रकाश साहब ने भाजपा-कांग्रेस दोनों पर बोला हमला
धरने में गुरु केवल प्रकाश साहब ने कहा कि देश की सभी जातियों को समान शिक्षा, समान रोजगार और समान न्याय मिलना चाहिए। उन्होंने 78 वर्षों से सत्ता में रही भाजपा और कांग्रेस दोनों पर तीखा हमला करते हुए कहा कि इन सरकारों ने केवल असमानता और भेदभाव को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक समाज के हर वर्ग को बराबर हिस्सेदारी नहीं मिलेगी, तब तक देश का असली विकास संभव नहीं है। उनका यह बयान समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों और न्याय के लिए एक सशक्त आवाज़ के रूप में उभरा।
धरने में गणेश यादव ने किसानों के साथ हो रही खाद की कालाबाजारी पर सरकार को घेरा और कहा कि सरकार की नीतियां केवल कागज़ों में सीमित हैं, जबकि ज़मीनी हकीकत बेहद भयावह है। सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि यदि 21 सूत्रीय मांगों पर प्रशासन ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो गोंडवाना गणतंत्र पार्टी उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी, जिसकी पूरी ज़िम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी। धरने में भारी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से गुरु केवल प्रकाश साहेब, निलेश पांडे, द्विज्वेंद्र सिंह मार्को, दिनेश शाह उइके, गणेश यादव, विश्राम करन धुर्वे, सुरेश पोर्ते, अजित मार्को, सुरज ध्रुव, महेश मरकाम, रोहित मार्को, दिवाकर सिंह मरकाम, परसू मार्को, प्रकाश मरकाम, आरिन सिंह गावड़े, रामकुमार आर्मो, खुशराम यादव, शेरसिंह मार्को, चंदेश्वर तिर्की, रामकुमार नेताम, गोकुल मरावी, संजय शाह मरावी, रामफल मरावी, नोहर मरकाम, सुधवार पट्टा, पुरन नेताम, माखन सिंह मरावी, रामसनेही ध्रुव, बेदराम धुर्वे, नंदकुमारी नेताम, गनेश्वरी ध्रुव, पार्वती मरावी, कृषु ध्रुव, मंत राम जगत सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल रहे। धरने के अंत में सभी कार्यकर्ताओं ने संकल्प लिया कि 2028 में छत्तीसगढ़ में गोंडवाना सरकार का गठन किया जाएगा, जो समानता, न्याय और जनहित पर आधारित सशक्त शासन की स्थापना करेगी ।

