Saturday, November 15, 2025
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एमसीबी जिले को मिली पहली महिला पुलिस कप्तान: आईपीएस रतना सिंह की हुई नियुक्ति

एमसीबी! छत्तीसगढ़ पुलिस प्रशासन ने एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (एमसीबी) जिले के इतिहास में नया अध्याय जोड़ दिया है। छत्तीसगढ़ शासन के गृह (पुलिस) विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, सहायक पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस मुख्यालय, नवा रायपुर में पदस्थ 2019 बैच की आईपीएस अधिकारी श्रीमती रतना सिंह को एमसीबी जिले का नया पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया है। जिले की स्थापना के बाद पहली बार किसी महिला अधिकारी को पुलिस अधीक्षक के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो महिला सशक्तिकरण और प्रशासनिक संतुलन की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम माना जा रहा है।

कानून व्यवस्था को नई दिशा देने की तैयारी

श्रीमती रतना सिंह के आगमन से मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले की कानून व्यवस्था और सामुदायिक पुलिसिंग में नई ऊर्जा का संचार होने की उम्मीद जताई जा रही है। उनके पूर्ववर्ती चंद्रमोहन सिंह (भापुसे-2014) का तबादला पुलिस मुख्यालय, रायपुर में निदेशक (ट्रेनिंग/ऑपरेशन एवं अपीलेशन सेवाएं, नगर सेना एवं नागरिक सुरक्षा) के रूप में किया गया है। राज्य शासन ने इस बदलाव के माध्यम से यह संदेश स्पष्ट कर दिया है कि अब जिलों में नेतृत्व की बागडोर उन अधिकारियों के हाथों में सौंपी जाएगी, जो अपने कार्य के प्रति समर्पित, तकनीकी रूप से दक्ष और जनसंपर्क में सक्रिय हैं। एमसीबी जिला जो खनिज संपदा, भौगोलिक विविधता और नक्सल संवेदनशील इलाकों के बीच स्थित है, वहाँ महिला नेतृत्व का यह आगमन निश्चित रूप से प्रेरणादायक साबित होगा।

कानपुर से हैदराबाद होते हुए छत्तीसगढ़ तक का सफर

आईपीएस रतना सिंह मूलतः उत्तर प्रदेश के कानपुर की रहने वाली हैं। उनकी स्कूली शिक्षा कानपुर में हुई और इसके बाद उन्होंने एआईईईई परीक्षा पास कर इलाहाबाद के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री हासिल की। इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली का रुख किया और तीसरे प्रयास में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा पास कर भारतीय पुलिस सेवा में चयनित हुईं। रतना सिंह को आईपीएस बनने की प्रेरणा बचपन में अपनी सहेली के पिता से मिली, जो स्वयं एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी थे। उनके पिता बैंक प्रबंधक हैं जबकि माताजी जीएसटी विभाग में सहायक आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं।

सफल करियर और सेवा भावना का संगम

रतना सिंह ने 16 दिसंबर 2019 को भारतीय पुलिस सेवा जॉइन की। सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद से प्रशिक्षण पूर्ण करने के बाद उन्होंने रायपुर जिले में प्रशिक्षु आईपीएस के रूप में अपनी पहली फील्ड पोस्टिंग संभाली। रायपुर में उन्होंने पुरानी बस्ती थाना प्रभारी और सीएसपी आजाद चौक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए उत्कृष्ट कार्य किया। इसके बाद वे कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर में एडिशनल एसपी (नक्सल ऑपरेशन) के पद पर पदस्थ रहीं। वहां उन्होंने नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा और सामुदायिक विश्वास बहाली की दिशा में कई प्रभावी पहलें कीं। इसके बाद मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में बतौर पुलिस अधीक्षक उन्होंने अपनी पहली स्वतंत्र पोस्टिंग संभाली, जहाँ उनके कार्यों को राज्य स्तर पर सराहा गया। हाल ही में वह नवा रायपुर पुलिस मुख्यालय में एआईजी (सहायक पुलिस महानिरीक्षक) के पद पर कार्यरत थीं।

व्यक्तिगत जीवन में भी सफलता की मिसाल

आईपीएस रतना सिंह ने झारखंड कैडर के डीएसपी अमृतांशु से विवाह किया है, जो बिहार के चंपारण जिले के निवासी हैं। दोनों की मुलाकात दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी के दौरान हुई थी, जहाँ उनकी दोस्ती धीरे-धीरे एक सुंदर रिश्ते में बदली। अमृतांशु ने बाद में झारखंड पुलिस सेवा में डीएसपी पद प्राप्त किया, जबकि रतना सिंह आईपीएस बनीं। दोनों आज अपने-अपने क्षेत्रों में सेवा और कर्तव्यनिष्ठा का उदाहरण पेश कर रहे हैं।

महिला नेतृत्व का सशक्त प्रतीक बनेगा एमसीबी जिला

एमसीबी जिला छत्तीसगढ़ का वह इलाका है जो भौगोलिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र है। यहाँ की विविध सामाजिक पृष्ठभूमि और ग्रामीण-शहरी मिश्रण में पुलिस प्रशासन के सामने कई चुनौतियाँ हैं। ऐसे में एक महिला पुलिस अधीक्षक का आगमन न केवल एक नई दिशा देगा बल्कि समाज में “नारी शक्ति” की भागीदारी को भी बढ़ाएगा। रतना सिंह की नियुक्ति इस बात का संकेत है कि अब छत्तीसगढ़ पुलिस संगठन में नेतृत्व भूमिकाओं में भी महिलाओं की सशक्त उपस्थिति तय हो चुकी है। इस ऐतिहासिक नियुक्ति के साथ एमसीबी जिले के पुलिस प्रशासन ने महिला नेतृत्व और आधुनिक पुलिसिंग की दिशा में एक मजबूत कदम बढ़ाया है। उम्मीद की जा रही है कि आईपीएस रतना सिंह का यह कार्यकाल जिले की कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा, युवाओं से संवाद और सामुदायिक पुलिसिंग की नई मिसालें स्थापित करेगा।

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