नई दिल्ली! पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने वाले दीर्घकालिक पेंशन फंडों के मूल उद्देश्यों और शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य (एनएवी) की गणना के साथ मूल्यांकन दिशानिर्देशों को श्रेणीबद्ध करने के लिए एक व्यापक परामर्श पत्र जारी किया है। यह पहल प्रशासन में सुधार, उपभोक्ता हितों की सुरक्षा और भारत के वित्तीय एवं अवसंरचनात्मक विकास में योगदान के लिए पीएफआरडीए की सतत प्रतिबद्धता का हिस्सा है। 17 अक्टूबर 2025 को जारी परामर्श पत्र में राष्ट्रीय पेंशन योजना और अटल पेंशन योजना में निवेश किए गए दीर्घकालिक सरकारी प्रतिभूतियों के लिए दोहरे मूल्यांकन ढांचे (‘संग्रहण’ और ‘निष्पक्ष बाजार’) को अपनाने का प्रस्ताव रखा गया है। इस ढांचे के माध्यम से संचय चरण के दौरान उपभोक्ताओं के लिए संचित पेंशन धन को स्थिर और स्पष्ट रूप में प्रदर्शित किया जाएगा, एनएवी पर अल्पकालिक ब्याज दर के उतार-चढ़ाव के प्रभाव को कम किया जाएगा और पेंशन निधि निवेश को दीर्घकालिक पूंजी निर्माण और अवसंरचना वित्तपोषण के साथ संरेखित किया जाएगा, जिससे हितधारकों का विश्वास बढ़ेगा। कुल मिलाकर इस ढांचे का उद्देश्य उपभोक्ताओं के समक्ष पेंशन की बढ़ी हुई संपदा को अधिक स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करना और दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता तथा आर्थिक प्रासंगिकता सुनिश्चित करना है। पीएफआरडीए इस परामर्श पत्र पर राष्ट्रीय पेंशन योजना के प्रतिभागियों, संभावित उपभोक्ताओं, पेंशन फंडों, पेशेवरों, शिक्षाविदों और आम जनता सहित सभी हितधारकों से सुझाव, प्रतिक्रिया और फीडबैक आमंत्रित कर रहा है। परामर्श पत्र पीएफआरडीए की वेबसाइट के अनुसंधान एवं प्रकाशन अनुभाग पर उपलब्ध है। हितधारकों से अनुरोध है कि वे अपने सुझाव 30 नवंबर 2025 तक प्रस्तुत करें।

