Saturday, November 8, 2025
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दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने की डॉक्टरों की भूमिका की सराहना, कहा ‘भगवान के प्रतिनिधि हैं चिकित्सक’

नई दिल्ली/ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोजित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भुवनेश्वर के 5वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने शिरकत की और उपस्थित लोगों को संबोधित किया। इस अवसर पर ओडिशा के राज्यपाल श्री हरि बाबू कंभमपति, मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण माझी, केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, ओडिशा सरकार के मंत्री श्री मुकेश महालिंग और भुवनेश्वर से लोकसभा सांसद श्रीमती अपराजिता सारंगी भी उपस्थित थे। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 2003 में पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के दूरदर्शी प्रयासों से स्थापित एम्स भुवनेश्वर ने पिछले 12 वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है।यह संस्थान न केवल ओडिशा बल्कि पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में भी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा और सामाजिक कल्याण की दिशा में जनता का विश्वास जीतने में सक्षम रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले एक वर्ष में यहां 10 लाख से अधिक बाह्य रोगियों का उपचार हुआ, 17 लाख से अधिक नैदानिक परीक्षण हुए और 25,000 से अधिक सर्जरी की गईं। राष्ट्रपति ने कहा कि एम्स भुवनेश्वर ने शिक्षा, अनुसंधान और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में ख्याति अर्जित की है और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा ASSIC गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम के अंतर्गत इसे सम्मानित किया गया है। साथ ही, इसे लगातार पाँच वर्षों तक राष्ट्रीय कायाकल्प पुरस्कार भी मिला है। उन्होंने संकाय और छात्रों की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान में भी उत्कृष्टता प्राप्त कर रहा है और यहाँ के कई चिकित्सक चिकित्सा सेवा के माध्यम से समाज सेवा में लगे हुए हैं। उन्होंने स्नातक छात्रों से समाज के कल्याण और मानवता की सेवा के प्रति समर्पण की अपेक्षा जताई। ओडिशा के राज्यपाल श्री हरि बाबू कंभमपति ने कहा कि देश भर में एम्स संस्थानों की स्थापना एक न्यायपूर्ण और समावेशी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की ओर कदम है और एम्स भुवनेश्वर इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने इसे पूर्वी भारत में चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और रोगी देखभाल के एक प्रकाश स्तंभ के रूप में रेखांकित किया और कहा कि महामारी के दौरान इस संस्थान ने परीक्षण, उपचार, टीकाकरण और जनजागरूकता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने इसे सेवा, नवाचार और विश्वास की विरासत बताया। मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण माझी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटल परिवर्तन की सराहना की और कहा कि ई-भुगतान जैसी पहल डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण को साकार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन पर दिए गए जोर के तहत एम्स भुवनेश्वर को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में मान्यता प्राप्त होना इस संस्थान के महत्व को दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संस्थान न केवल ओडिशा बल्कि पूरे देश का गौरव है और छात्रों को सहानुभूति के साथ उपचार करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) और गोपबंधु जन आरोग्य योजना के समन्वय से राज्य की 3.52 करोड़ आबादी को स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जा रही है, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। केंद्रीय मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अच्छा स्वास्थ्य मानव प्रगति की नींव है और इसका कोई शॉर्टकट नहीं है। उन्होंने बदलती भू-राजनीति, नई तकनीकों और आकांक्षाओं के इस युग में स्वास्थ्य को समाज के प्रमुख स्तंभों में से एक बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री के 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के दृष्टिकोण का हवाला देते हुए कहा कि ओडिशा भी 2036 तक विकसित राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि एम्स भुवनेश्वर एनआईआरएफ रैंकिंग में मेडिकल कॉलेजों में 12वें और उभरते एम्स में दूसरे स्थान पर है, जिससे इसकी गुणवत्ता और प्रभावशीलता सिद्ध होती है। उन्होंने भुवनेश्वर को भविष्य में मेडटेक हब के रूप में विकसित होते देखने की आशा व्यक्त की और उत्तीर्ण छात्रों से स्वास्थ्य क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान खोजने की अपील की। दीक्षांत समारोह के अवसर पर कुल 643 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई, जिनमें 196 एमबीबीएस, 158 एमएस, 49 एमडी, 116 पोस्ट-डॉक्टोरल फेलो, 62 बीएससी नर्सिंग और 41 एमएससी नर्सिंग डिग्री शामिल थीं। विभिन्न विभागों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए डीएम/एमसीएच, एमडी/एमएस, एमबीबीएस, बीएससी पैरामेडिकल और एमएससी नर्सिंग के कुल 59 छात्रों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर एम्स भुवनेश्वर के अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) शैलेश कुमार, कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ प्रो. (डॉ.) आशुतोष विश्वास, संकाय सदस्य और छात्र-छात्राएं भी उपस्थित थे।

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