Thursday, January 9, 2025
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डेढ़ किमी पैदल चलकर सुकमा जिले के बोरगुड़ा पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम घर घर जाकर बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं का किया गया स्वास्थ्य जाँच

रायपुर, छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बस्तर के दूरस्थ ग्रामीण इलाकों के सर्वांगीण विकास के लिए नियद नेल्लानार योजना की शुरूआत की थी।  योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचविहीन इलाकों में घर घर जाकर स्वास्थ्य जांच कर रही है। नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत सुकमा जिले के सभी पहुँचविहीन और जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में विशेष स्वास्थ्य शिविर लगाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम सभी प्रकार के स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ दूरस्थ पहुंचविहीन क्षेत्रों में घर-घर दस्तक दे रही है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से गाँवो में अंतिम छोर तक स्वास्थ्य सुविधाओं व कार्यक्रमों को पहुंचाया जा रहा है। इस काम के लिए सुकमा जिले के कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कपिल कश्यप विशेष तौर पर कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।

नियद नेल्लानार योजनांतर्गत चिन्हांकित ग्राम बोरगुड़ा सुकमा विकासखंड के ग्राम पंचायत पोंगाभेज्जी के अंतर्गत वनांचल ग्राम है।  यहां स्वास्थ्य विभाग की टीम पगडंडी के सहारे पैदल चलकर पहुंची। यह गांव जिला मुख्यालय से लगभग 45 किमी की दूरी पर स्थित परिया कैम्प क्षेत्र में आता है। स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा पेड़ की छांव में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया।

निक्षय निरामया छत्तीसगढ के अंतर्गत 100 दिवसीय पहचान एवं उपचार अभियान के तहत शनिवार को दुर्गम पहुँचविहीन क्षेत्र बोरगुड़ा में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा समुदाय के लगभग 45 लोगों का स्वास्थ्य जाँच कर क्षय, मलेरिया, कुष्ठ, मधुमेह और रक्तचाप की स्क्रीनिंग की गई। शिविर के दौरान 10 क्षय रोग के संदिग्ध व्यक्तियों के बलगम का सैंपल लिया गया एवं जाँच के लिए जिला क्षय उन्मूलन केंद्र भेजा गया। इसके साथ ही शिविर में आने वाले लगभग 127 लोगों का स्वास्थ्य जाँच कर निःशुल्क दवा का वितरण किया गया। शिविर में ग्रामीण स्वास्थ्य जांच कराने बड़ी संख्या में पहुंचे।इस अवसर पर ग्रामीणों को टीबी से अपने परिवार और पड़ोसियों को बचाने की शपथ भी दिलाई गई। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ग्रामीणों को साँप-बिच्छू से सावधान रहने, रात में मच्छरदानी लगाकर बिस्तर में सोने, पानी को छानकर पीने तथा अपने आस-पास साफ-सफाई रखने की समझाइश दी गई।

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