उमाशंकर मरपच्ची कोरबा -: शंभू शक्ती सेना ने राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम कोरबा कलेक्टर को ज्ञापन दिया और रावण दहन पर प्रतिबंध लगाने की मांग किया वही समिति के अध्यक्ष ने बताया कि हम मूलनिवासियों के पूर्वज हमारे आदर्श महाराजा रावेन ( रावण ) , मेघनाथ , कुंभकरण की पुतला दहन पूर्णतः प्रतिबंधित करने व दुर्गा प्रतिमा के साथ महाबली राजा महिषासुर की प्रतिमा को ना लगाने की बात कही है !

गोंडवाना साम्राज्य के गोंड महाराजा रावेन ( रावण ) एवं महाबली राजा महिषासुर हमारे पूर्वज हैं . हम सभी जनजाति समुदाय मूलनिवासी समुदाय प्राचीन काल से ही अपना आराध्य मानकर पेन शक्ति के रूप में अनेकों क्षेत्र बैतुल , मध्यप्रदेश , मध्य भारत , नागपुर , आंध्रप्रदेश , बिसरख अमरावती जोधपुर , दक्षिण भारत , कर्नाटक के जिला मंडिया , बैजनाथ , उज्जैन , मंदसौर एवं छत्तीसगढ़ के चैतुरगढ़ जैसे अनेकों अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्र व राज्यों में रावेन ( रावण ) सेवा गांगो ( पूजा ) किया जाता है , साथ ही पूजा ही नहीं बल्कि हर शुभ कार्य के प्रारंभ में रावेन ( रावण ) का प्रतिमा समक्ष रखा जाता है !
हम सभी जनजाति प्रकृति रक्षक गोंडवाना साम्राज्य के महाराजा रावेन एवं महाबली राजा महिषासुर , मेघनाथ , कुंभकरण के प्रति आस्था रखते हैं । गोंडवाना के महाराजा रावेन को बुराई का प्रतीक मानकर पुतला दहन व महाबली राजा महिषासुर की प्रतिमा को दुर्गा प्रतिमा के साथ हिंसक रूप से प्रदर्शित करना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15 तथा यदि कोई भी व्यक्ति या समिति के द्वारा रावण का पुतला जलाने की अपराधिक कृत्य किया जाता है तो आरोपी के खिलाफ भारतीय संविधान के अनुच्छेद 153 ( अ ) , 295 , 295 ( अ ) 298 के तहत किसी भी जाति , धर्म , वंश , लिंग के साथ भेदभाव या अपमानित नहीं किया जा सकता जो कि उल्लंघन होने पर कार्यवाही किया जाना चाहिए ।
उल्लेखित धर्म , वंश , जाति , लिंग अथवा जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव करना भारतीय संविधान का उल्लंघन है । साथ ही पर्यावरण ( प्रकृति ) सुरक्षा के दृष्टिकोण से ऊंचे और बड़े पुतले बॉस के सहारे बनाए जाते हैं और बॉस में लेड व हेवी मेटल प्रचुर मात्रा में पाई जाती है , जिसके जलने पर लेड ऑक्साइड बनता है , जो कि एक खतरनाक न्यूरोटॉक्सिक है , इसके कारण न्यूरो और लीवर संबंधी बीमारी की आशंका बढ़ जाती हैं ।