Tuesday, July 29, 2025
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देश में परिसीमन और आदिवासी अधिकारों को लेकर समाज जल्द महामहिम राष्ट्रपति से करेगा मुलाकात – आर. एन. ध्रुव

आदिलाबाद, तेलंगाना/ विगत 27 जुलाई 2025 को आदिलाबाद तेलंगाना में राज गोंड सेवा समिति द्वारा आयोजित एक भव्य सम्मान समारोह एवं आदिवासी सम्मेलन अत्यंत गरिमा और जनसमूह के साथ सम्पन्न हुआ इस आयोजन का प्रमुख उद्देश्य पूर्व सांसद और नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष सोयम बापू राव का सम्मान करना था इस ऐतिहासिक सम्मेलन में तेलंगाना के विभिन्न जिलों के साथ-साथ महाराष्ट्र आंध्र प्रदेश मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु से हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के प्रतिनिधि शामिल हुए कार्यक्रम की शुरुआत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कोमराम भीम की प्रतिमा के पूजन तथा पारंपरिक गोंडी वाद्ययंत्रों की ध्वनि के साथ भव्य रैली के माध्यम से हुई जिससे पूरे वातावरण में संस्कृति और चेतना का संचार हुआ । गोंडवाना महासभा के राष्ट्रीय सचिव आर एन ध्रुव ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि आज समय की मांग है कि आदिवासी समाज अपनी शक्ति कमजोरी और अधिकार को पहचाने उन्होंने कहा कि जब देश की महामहिम राष्ट्रपति एक आदिवासी महिला हैं तो हमें उनके माध्यम से आदिवासी समाज के सवालों को सीधे तौर पर उठाना चाहिए उन्होंने समाज को राजनीतिक शोषण और आपसी विभाजन से बचने की सलाह देते हुए कहा कि आदिवासी समाज को अब अधिकार आधारित आंदोलन खड़ा करना होगा जिसमें एकता प्राथमिक शर्त है ।उन्होंने वर्तमान परिसीमन की प्रक्रिया पर गंभीर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि 1971 की जनगणना के आधार पर लोकसभा की 543 सीटें तय की गई थीं लेकिन 2026 की जनगणना के बाद यह आंकड़ा लगभग 740 तक जा सकता है यदि पलायन और विस्थापन की स्थिति यूं ही जारी रही तो आदिवासियों की जनसंख्या घटकर सामने आएगी जिससे आरक्षित सीटें कम हो जाएंगी माइंस और बाहरी बसाहटों के कारण आदिवासी क्षेत्रों की भौगोलिक और जनसंख्यकीय संरचना बदल गई है इसलिए परिसीमन में केवल जनसंख्या नहीं बल्कि सांस्कृतिक और भौगोलिक यथार्थ को भी आधार बनाया जाना चाहिए

आर एन ध्रुव ने गोंडी भाषा की उपेक्षा पर भी चिंता जताई और कहा कि यह भाषा दक्षिण भारत की तमिल तेलुगु और कन्नड़ जैसी भाषाओं की जननी है लेकिन आज विलुप्ति की कगार पर है उन्होंने स्थानीय स्तर पर गोंडी भाषा संरक्षण समितियों के गठन का आह्वान किया और कहा कि यह केवल भाषा नहीं बल्कि हमारी आत्मा और अस्मिता है । ध्रुव ने बाहरी नागरिकता और डेमोग्राफिक असंतुलन पर भी तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि कुछ राज्यों में गैर भारतीयों को अवैध रूप से नागरिकता और वोटर कार्ड दिया जा रहा है जिससे मूल आदिवासी आबादी का संतुलन बिगड़ रहा है यह संविधान और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों के लिए खतरा है । उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का हवाला देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार को पदोन्नति में आरक्षण तत्काल लागू करना चाहिए साथ ही संविधान के अनुच्छेद 16(3) के तहत स्थानीय युवाओं को नौकरी में प्राथमिकता दी जानी चाहिए उन्होंने आदिवासी विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति की सीमा ढाई लाख से बढ़ाकर कम से कम सामान्य वर्ग के बराबर आठ लाख करने की भी मांग रखी ।आर एन ध्रुव ने यह भी कहा कि आदिवासी नायकों जैसे कोमराम भीम बिरसा मुंडा सिद्धू कान्हू गुंडाधुर राजा शंकर शाह रघुनाथ शाह और घसिया गुरु की गाथाएं स्कूली पाठ्यक्रमों में अनिवार्य रूप से शामिल की जानी चाहिए जिससे हमारी नई पीढ़ी अपने गौरवशाली अतीत से परिचित हो सके । उन्होंने पंचम अनुसूची के प्रावधानों की याद दिलाते हुए कहा कि आदिवासी भूमि गैर आदिवासियों को बेची नहीं जा सकती लेकिन विवाह और अन्य धोखाधड़ी के माध्यम से जमीनों की लूट जारी है उन्होंने कहा कि खनन और औद्योगिक परियोजनाओं से पहले आदिवासियों को स्थायी रूप से पुनर्वासित किया जाना चाहिए उन्होंने भूमि संरक्षण समितियों के गठन का सुझाव भी दिया ।

इस भव्य आयोजन में सिडाम आरजू राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सहित अनेक राज्यों से आए वरिष्ठ पदाधिकारी पूर्व सांसद विधायकगण और समाजसेवी मौजूद रहे छत्तीसगढ़ से लोकेश्वरी नेताम, हेमलाल मरकाम, महेंद्र नेताम और घनश्याम जुर्री कार्यक्रम में उपस्थित थे ।

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