जमजगहना, बैकुंठपुर/ “सच्चे दोस्त वही होते हैं जो कठिन समय में बिना कहे साथ खड़े हो जाएं” – इस कथन को साकार करते हुए शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जमजगहना में पदस्थ व्याख्याता, समाजसेवक एवं कोया पुनेम गोंडवाना महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मनोज सिंह कमरो ने एक सराहनीय कार्य करते हुए मित्रता और मानवता की मिसाल पेश की है। बीते दिनों श्री कमरो ने अपने पुराने बीएड काल के मित्र श्री राखी लाल कर्स की आर्थिक और परिवहन संबंधी परेशानियों को समझते हुए उन्हें एक नई एम्पीयर मैग्नस इलेक्ट्रिक स्कूटी उपहार में दी। श्री कर्स वर्तमान में बिलासपुर शहर में एक निजी संस्था में कार्यरत हैं और प्रतिदिन अपने गांव सकरा से लगभग 55 किलोमीटर की यात्रा कर नौकरी पर पहुंचते हैं। कम तनख्वाह और महंगे पेट्रोल की वजह से उनकी आय का लगभग 30 प्रतिशत भाग केवल आने-जाने में खर्च हो जाता है।इस परिस्थिति की जानकारी मिलने पर श्री कमरो ने न केवल मित्र की समस्या को समझा, बल्कि समाधान के रूप में ग्रीव्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के प्रतिष्ठित ब्रांड Ampere (Magnus) की स्कूटी भेंट कर दी। यह इलेक्ट्रिक स्कूटी भारत में इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में तेजी से उभरता हुआ ब्रांड है और बाजार में छठे स्थान पर अपनी पहचान बनाए हुए है।
मित्रता से बढ़कर कोई रिश्ता नहीं
मनोज सिंह कमरो और राखी लाल कर्स की मित्रता की शुरुआत शासकीय उन्नत शिक्षा अध्ययन संस्थान, बिलासपुर में बीएड की पढ़ाई के दौरान हुई थी। लगभग छह वर्ष पूर्व बनी इस मित्रता को श्री कमरो ने कभी भूला नहीं। व्यस्त जीवनशैली के बावजूद उन्होंने पुराने मित्र की सुध ली और उनकी परेशानी जानकर मदद का हाथ बढ़ाया। इस भावनात्मक पहल ने न सिर्फ श्री कर्स के जीवन को आसान बनाया, बल्कि समाज को भी यह संदेश दिया कि इंसानियत और दोस्ती अभी भी जिंदा है। एक शिक्षक के रूप में श्री कमरो का यह कदम प्रेरणादायक है, जो न केवल शिक्षण के क्षेत्र में बल्कि समाजसेवा में भी उदाहरण बन रहा है। मनोज सिंह कमरो, जो कि कोया पुनेम गोंडवाना महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, हमेशा सामाजिक दायित्वों को प्राथमिकता देते हैं। वे आदिवासी समुदायों के अधिकारों, शिक्षा, और सामाजिक न्याय के लिए निरंतर संघर्षरत हैं। उनके द्वारा किया गया यह कार्य यह दर्शाता है कि सामाजिक कार्य सेवा से कहीं आगे, दिल से किया जाने वाला कर्तव्य है।
श्री कमरो की इस पहल से शिक्षकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, विद्यार्थियों और युवाओं ने इसे एक प्रेरणास्पद कदम बताया। “यदि हम एक-दूसरे की जरूरतों को समझें और थोड़ा भी मदद करें, तो समाज से कई समस्याएं स्वतः समाप्त हो जाएंगी,” यह भावना हर किसी के मन में दिखनी चाहिए ।