नई दिल्ली/ राजमार्ग नायकों को संबोधित करते हुए सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग तथा कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश एक समावेशी, सुरक्षित और सम्मानजनक परिवहन पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने बताया कि पिछले एक दशक में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता और केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी के मार्गदर्शन में अब तक 60,000 किलोमीटर से अधिक राजमार्गों का निर्माण किया गया है, जिससे भारत में राष्ट्रीय संपर्क और आर्थिक एकीकरण को नई ऊंचाई मिली है। मंत्री ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे जैसे उच्च गति गलियारों का उल्लेख किया जो देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है और दो प्रमुख आर्थिक केंद्रों के बीच यात्रा समय में भारी कमी लाता है।इसी प्रकार दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, द्वारका एक्सप्रेसवे, अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे और बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाओं ने यात्रा को अधिक तेज, सुरक्षित और कुशल बना दिया है। श्री मल्होत्रा ने बताया कि 2014 में जहाँ राजमार्ग निर्माण की गति मात्र 12 किलोमीटर प्रतिदिन थी, वह अब बढ़कर 30 किलोमीटर प्रतिदिन हो गई है जो कि सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं, डिजिटल निगरानी और सार्वजनिक-निजी भागीदारी के सफल मॉडल का परिणाम है। उन्होंने कहा कि पिछले पाँच वर्षों में एनएचएआई के विकास कार्यों से 45 करोड़ मानव दिवस प्रत्यक्ष रोजगार, 57 करोड़ मानव दिवस अप्रत्यक्ष रोजगार और 532 करोड़ मानव दिवस प्रेरित रोजगार का सृजन हुआ है। मंत्री ने बताया कि मंत्रालय ने नीतिगत, पर्यावरणीय और लॉजिस्टिक बाधाओं को दूर करते हुए 2047 तक विकसित भारत के विजन के अनुरूप आधारभूत ढांचे के विकास की दिशा में मजबूत पहल की है। उन्होंने कहा कि ई-20 लक्ष्य के तहत इथेनॉल मिश्रण को बढ़ावा दिया जा रहा है और देशभर में लगभग 800 इथेनॉल उत्पादन परियोजनाएं पंजीकृत हैं। राजमार्ग निर्माण से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए मंत्रालय ने निर्माण उपकरणों और ट्रैक्टरों के लिए भारत स्टेज (सीईवी/ट्रेम)-V उत्सर्जन मानकों को लागू किया है। सड़क दुर्घटनाओं और ब्लैक स्पॉट्स को लेकर मंत्री ने चिंता व्यक्त की और बताया कि पूरे देश में लगभग 14,000 ब्लैक स्पॉट्स को ठीक किया गया है। सुरक्षा ऑडिट, बेहतर साइनेज, पैदल यात्री बुनियादी ढांचे और प्रत्यायोजित तकनीकी स्वीकृतियों के जरिए राजमार्ग डिज़ाइन को और अधिक उत्तरदायी एवं समावेशी बनाया गया है। अपने संबोधन में श्री मल्होत्रा ने भारत के राजमार्ग नायकों यानी हमारे ट्रक चालकों का विशेष रूप से उल्लेख किया और कहा कि मोदी सरकार उनके कल्याण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, क्योंकि वे भारत के लॉजिस्टिक्स तंत्र की रीढ़ हैं। इसके अंतर्गत चालक प्रशिक्षण संस्थानों और पुनश्चर्या कार्यक्रमों के माध्यम से उनके कौशल विकास पर बल दिया गया है। साथ ही, स्वास्थ्य एवं कल्याण योजनाओं के तहत अनिवार्य बीमा कवरेज और कैशलेस उपचार योजना-2025 की शुरुआत की गई है, जिसके अंतर्गत दुर्घटना के बाद गोल्डन आवर के दौरान ₹1.5 लाख तक का निःशुल्क उपचार प्रदान किया जा रहा है। मंत्री ने यह भी बताया कि अभी तक 501 वेसाइड एमिनिटीज़ (WSA) राष्ट्रीय राजमार्गों/एक्सप्रेसवे पर स्वीकृत की गई हैं, जिनमें से 94 कार्यरत हो चुकी हैं, जबकि वित्तीय वर्ष 2028-29 तक 700 से अधिक वेसाइड एमिनिटीज़ के निर्माण की योजना है। इन एमिनिटीज़ में ईंधन स्टेशन, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, शौचालय, पेयजल, पार्किंग, ढाबा/रेस्तरां/भोजनालय और ट्रक चालकों के लिए विश्रामगृह जैसी सुविधाएं शामिल हैं। अंत में मंत्री महोदय ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की यात्रा भारत के परिवहन परिदृश्य में परिवर्तनकारी बदलाव का प्रतीक रही है। मंत्रालय सिर्फ सड़कें नहीं बना रहा बल्कि एक ऐसा रास्ता तैयार कर रहा है जो सुरक्षित, स्वच्छ और समृद्ध भारत की ओर जाता है। जैसे-जैसे हम विकसित भारत @2047 के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं, नवाचार, स्थिरता और समावेशिता के साथ-साथ हरित गतिशीलता, दुर्घटना न्यूनीकरण और कौशल विकास पर केंद्रित रहना मंत्रालय की प्राथमिकता है ।