भलौर/पिपरिया: गोंडवाना सांस्कृतिक मैदान, जो लंबे समय से गोंडवाना समाज की सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र रहा है, को धान उपार्जन केंद्र के रूप में समतलीकरण और बाउंड्री वॉल निर्माण के लिए चिन्हित किया गया है। इस निर्णय के खिलाफ आज कोयापुनेम गोंडवाना महासभा, एमसीबी (छत्तीसगढ़) के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीणों और संगठनों ने कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपा।
कार्यक्रम में कोयापुनेम गोंडवाना महासभा के पदाधिकारियों के साथ गोंडवाना समग्र विकास क्रांति आंदोलन के अनुसांगिक संगठन गोंगपा और जीएसयू के सदस्य भी शामिल हुए। उपस्थित ग्रामीणों ने सांस्कृतिक मैदान के संरक्षण की मांग करते हुए कहा कि यह मैदान गोंडवाना समाज की परंपरा और धरोहर का प्रतीक है। इसे किसी अन्य उपयोग के लिए परिवर्तित करना समाज के अस्तित्व और अस्मिता पर चोट पहुंचाने जैसा है। विरोध प्रदर्शन में शामिल ग्रामीणों और संगठनों ने चेतावनी दी कि यदि सांस्कृतिक मैदान को संरक्षित नहीं किया गया, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में उन्होंने मांग की कि इस फैसले को तुरंत रद्द किया जाए और गोंडवाना सांस्कृतिक मैदान को उसके मूल स्वरूप में बनाए रखा जाए।