Friday, January 3, 2025
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देश में निवासरत करोड़ों गोंडीयन गोंडी भाषा को यूनिवर्सल लैंग्वेज के रूप में उपयोग में लाए–नीलकंठ टेकाम

रायपुर, छत्तीसगढ़/ अखिल गोंडवाना गोंडी साहित्य परिषद द्वारा 21 वें गोंडी साहित्य सम्मेलन केलगिनकेरी, कटनार कोप्पा, भटकल उत्तर कन्नड़, कर्नाटक में श्री स्वामी रामानंदाचार्य के सानिध्य में संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत सरकार के पूर्व मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ,अध्यक्षता साहित्य परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष भरत लाल कोर्राम द्वारा किया गया। अति विशिष्ट अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ के माननीय विधायक नीलकंठ टेकाम प्रदेश अध्यक्ष गोंडवाना गोंड महासभा, आर.एन. ध्रुव राष्ट्रीय सचिव गोंडवाना गोंड महासभा, हिम्मत सिंह आर्मो राष्ट्रीय को, रघुवीर सिंह मार्को राष्ट्रीय सांस्कृतिक सचिव, सुदे सिंह टेकाम मध्यप्रदेश, के एम मैत्री कर्नाटक, गंगाराम नेताम, सिडाम आरजू तेलंगाना, अश्वनी कांगे कोया भूमकाल क्रांति सेना के संस्थापक, गोंडी धर्माचार्य के पी प्रधान, रमा टेकाम मध्यप्रदेश के उपस्थिति में संपन्न हुआ।

इस अवसर पर श्री कुलस्ते जी ने कहा कि जाति प्रमाण पत्र बनाने में आ रही दिक्कतों के समाधान हेतु राष्ट्रीय स्तर पर समस्याओं को रखा जाएगा। श्री टेकाम जी ने कहा कि अंग्रेजी एक यूनिवर्सल लैंग्वेज है, इसे लगभग सभी जगह बोली जाती है, समझी जाती है ,पूरे विश्व के लोग समझ जाते हैं कि क्या बोला जा रहा है। लेकिन हमारे गोंडीयन जन कन्नड़ में कुछ भी बोलते रहें , हिंदी, छत्तीसगढ़ी, उड़िया, मराठी,गुजराती आदि विभिन्न भाषाओं में बोलते रहिए ये केवल स्थानीय स्तर तक सीमित है। इसलिए देश में निवासरत करोड़ों गोंडीयन जनों को गोंडी भाषा को यूनिवर्सल लैंग्वेज के रूप में उपयोग में लाना होगा। तभी हम एकता के सूत्र में बन सकेंगे। उन्होंने कहा कि गोंडी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने हेतु महासभा निकट भविष्य में बड़े कार्यक्रम आयोजित करेगी। कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री कोर्राम जी ने कहा कि देश में प्राचीन नाम के अनुकूल कई जिलों के नाम को बदलने का काम चल रहा है । ऐसे ही मध्यप्रदेश का नाम जो पहले गोंडवाना के नाम से जाना जाता था का भी नाम बदलकर गोंडवाना राज्य के रूप में होना चाहिए। आर एन ध्रुव ने कहा कि पूरे देश में गोंड समाज निवास रहते हैं ।भले ही गोंडीयन जनों की स्थानीय स्तर पर भाषा ,खान-पान अलग हो, लेकिन देव व्यवस्था ,रीति रिवाज, परंपरा पूरे देश में लगभग एक समान है। इस अवसर पर गोंडवाना पत्रिका के साथ डॉ के एम मैत्री द्वारा लिखी गई गोंडी, हिंदी, कन्नड़, अंग्रेजी डिक्शनरी का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में पूरे देश भर के बड़ी संख्या में सामाजिक जन उपस्थित थे।

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