Saturday, March 15, 2025
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32% आरक्षण बचाने को लेकर सभी जनजातीय विधायक और सांसदों को मिलाकर 42 जनजातीय नेता 1 अक्टूबर को राजधानी में जुटेंगे

रायपुर -: आजकल आरक्षण को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के फैसले के बाद आरक्षण का मुद्दा गरमाता जा रहा है । कई दिनों से लगातार राजधानी में जनजातीय समाज की बैठकें हो रही हैं । विधायक और सांसदों को मिलाकर 42 जनजातीय नेता 1 अक्टूबर को राजधानी आएंगे । इसमें उन पर दबाव बनाया जाएगा कि वे एसटी के लिए 32 % आरक्षण के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से तत्काल नोटिफिकेशन जारी करने को कहें । शनिवार को बंजारी नवा रायपुर में सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति जनजाति शासकीय सेवक संघ के पदाधिकारी जुटे । हाईकोर्ट में सरकार की ओर से रखे पक्ष को समाज ने कमजोर आंका है । समाज इस पर किसी तरह के समझौते को लेकर तैयार नहीं । समाज के पदाधिकारियों ने सीएम भूपेश से भी मुलाकात की । मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि आदिवासियों का हक हर हाल में उन्हें मिलेगा ।
32 % आरक्षण जारी रखने की मांग इससे पूर्व में भी सर्व आदिवासी समाज की प्रदेश स्तरीय बैठक हुई थी । जिसमें तय किया गया था कि मामले को लेकर समाज के प्रतिनिधि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलेंगे । वे 32 % आरक्षण जारी रखने की मांग करेंगे । जनजातीय सांसदों और विधायकों से भी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण बरकरार रखने ज्ञापन सौंपेंगे । बैठक में समाज के पदाधिकारियों ने कहा कि जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की जाएगी । इसके लिए किसी कानूनी जानकार को नियुक्त किया जाएगा । हाईकोर्ट के फैसले की प्रति का अध्ययन करने के बाद आगे निर्णय लिया जाएगा ।
इस बैठक में शामिल पदाधिकारियों की  नाम इस प्रकार है -:
जनजातीय नेता बैठक में अध्यक्ष भारत सिंह , आरबी सिंह , बीपीएस नेताम , जे मिंज , कल्याण सिंह बरिहा महासमुंद , रोहित सिदार रायगढ़ , शिव प्रसाद चंद्रवंशी भिलाई , कोषाध्यक्ष निर्मल कुमार टोप्पो दुर्ग , सुदर्शन सिंह ठाकुर भिलाई , तोषण कुमार ठाकुर दुर्ग , केपी ध्रुव , ओमप्रकाश चंद्रवंशी , पौलुस बरवा , सोनऊराम नेताम व उदयराम नेताम कांकेर , अमृत कुमार कुजूर , मनोहर ठाकुर अध्यक्ष महासमुंद जिला , पीआर नाईर , प्रीतम सिंह दीवान महासमुंद , एनएस ठाकुर , एसएस सोरी , शारदा मंडलोई , डॉ . वेदवंती मंडावी भी शामिल हुईं ।
आगे बताया गया कि बीजेपी – कांग्रेस से सभी जनजातीय विधायक आएंगे कांग्रेस से – रामपुकार सिंह , कवासी लखमा , मनोज मंडावी , डॉ . प्रेमसाय सिंह टेकाम , अमरजीत भगत , देवेंद्र बहादुर सिंह , गुलाब कमरो , डॉ . लालजीत सिंह राठिया , वृहस्पति सिंह , चिंतामणि महराज , विनय कुमार भगत , मोहितराम केरकेट्टा , विक्रम मंडावी , देवती कर्मा , पुरुषोत्तम कंवर , डॉ . केके ध्रुव , डॉ . लक्ष्मी ध्रुव , अनीला भेंडिया , इंद्रशाह मंडावी , चंदन कश्यप , शिशुपाल सोरी , संतराम नेताम , लखेश्वर बघेल , राजमन बेंजाम , विक्रम मंडावी , मोहन मरकाम , सांसद दीपक बैज बस्तर ( कांग्रेस ) भाजपा से – गोमती साय , रेणुका सिंह सरगुजा और मोहन मंडावी कांकेर , ननकीराम कंवर और डमरूधर पुजारी । मौजूदा आरक्षण व्यवस्था राज्य शासन ने आरक्षण नीति में बदलाव करते हुए 18 जनवरी 2012 को अधिसूचना जारी की थी , इसके तहत लोक सेवा आयोग (अजा , अजजा एवं पिछड़ा वर्ग का आरक्षण ) अधिनियम 1994 की धारा – 4 में संशोधन किया गया था । इसके अनुसार अजजा वर्ग को 32 फीसदी , अजा वर्ग को 12 फीसदी और पिछड़ा वर्ग को 14 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया था । छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने 58 प्रतिशत आरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण फैसला करते हुए इसे खारिज कर दिया है । छत्तीसगढ़ सरकार ने 2012 में 58 फीसदी आरक्षण की अधिसूचना जारी की थी , जिसे हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है । कोर्ट ने कहा कि आरक्षण को 50 से बढ़ाकर 58 फीसदी करना असंवैधानिक है ।
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