Tuesday, June 24, 2025
Homeभारतडॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने वैश्विक आपूर्तिकर्ता बनने के लिए उच्च मानक...

डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने वैश्विक आपूर्तिकर्ता बनने के लिए उच्च मानक एवं उच्च तकनीकी स्थानीयकरण का आह्वान किया

      नई दिल्ली : भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) ने “स्थानीय से वैश्विक भारत तक – विनिर्माण से आत्मनिर्भरता तक” विषय पर नई दिल्ली में द्वारका स्थित यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में एक विचार विमर्श सह मंथन कार्यक्रम का आयोजन किया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को क्रियान्वित करने और उनके दृष्टिकोण को पूरा करने की दिशा में किए जा रहे कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न स्तरों पर संवाद की प्रक्रिया संचालित की जा रही है। इसी क्रम में आज आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय मंत्रालय में सचिव कामरान रिजवी और भारी उद्योग मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित उद्योग जगत के लगभग 14 हितधारकों ने भाग लिया।

यह कार्यक्रम स्थानीयकरण की संभावनाओं का पता लगाने  उद्योग जगत के विशेषज्ञों एवं प्रमुखों को अंतर्दृष्टि, सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों और सहयोगपूर्ण रणनीतियों को साझा करने के लक्ष्य के जरिये एक साथ लाने के लिए आयोजित किया गया था।

इस अवसर पर डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने अपने संबोधन में कहा कि वैश्विक आपूर्तिकर्ता बनने के लिए उच्च मानक एवं उच्च तकनीकी स्थानीयकरण आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमें आत्मनिर्भर भारत का मूल मंत्र दिया है और इसी सिलसिले में देश की आवश्यकताओं वाली सभी वस्तुओं का स्थानीय स्तर पर उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमने उद्योग जगत को ऐसा करने के लिए प्रेरित करने में काफी हद तक सफलता प्राप्त कर ली है।

डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि हम, भारी उद्योग मंत्रालय के माध्यम से न केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘न्यू इंडिया’ के दृष्टिकोण को पूरा करने की वचनबद्धता के साथ इस परिवर्तनकारी यात्रा में भाग ले रहे हैं, बल्कि हमने एक लंबा सफर तय किया है और हम भी काफी आगे बढ़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि भारी उद्योग से जुड़े तथा इससे संबंधित सभी घटक सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री ने उल्लेख करते हुए बताया कि ऑटोमोटिव क्षेत्र ने ऑटोमोबाइल और ऑटो उपकरणों के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना के कार्यान्वयन के साथ ही प्रौद्योगिकी के उन्नयन की दिशा में भी महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि उन्नत प्रौद्योगिकियों और ऑटो इलेक्ट्रॉनिक्स की बढ़ती मांग को पूरा करने का रास्ता आत्मनिर्भर भारत से होकर ही गुजरता है, जिसमें हमारी उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना मददगार है। डॉ. पांडेय ने कहा कि स्थानीयकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मंत्रालय द्वारा शुरू की गई उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना हो या फिर फेम योजना जैसी योजनाएं हों, इन सभी के माध्यम से भारत एक सशक्त अर्थव्यवस्था बनने की ओर त्वरित गति से आगे बढ़ रहा है। निर्यात प्रोत्साहन पूंजीगत उत्पाद योजना और व्यावसायिक उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाई जा रही अन्य योजनाएं भी एक ही लक्ष्य के साथ चलाई जा रही हैं कि हम देश में अंतरराष्ट्रीय स्तर के उत्पाद बनाएं और भारत के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने पहले लोकल को वोकल और फिर लोकल को ग्लोबल बनाने का मंत्र दिया है, ऐसे में हमें इस दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए पहले लोकल के लिए वोकल बनना होगा और फिर लोकल से ग्लोबल (स्थानीय से वैश्विक) बनना होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह मंत्र ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करेगा।

डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि आज के मंथन से जो भी समाधान निकलेंगे, भारी उद्योग मंत्रालय उनका इस्तेमाल प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने में करेगा।

सचिव कामरान रिजवी ने अपने संबोधन में कहा कि भारी उद्योग मंत्रालय ने देश में आयात पर अंकुश लगाने और स्थानीयकरण को बढ़ावा देने के लिए पहले से ही कई पहल की हैं। उन्होंने कहा कि अगर हमारा निर्यात बढ़ेगा तो इससे व्यापार की मात्रा बढ़ेगी और देश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने बल देकर कहा कि देश में गहन स्थानीयकरण और नई अनुसंधान एवं विकास सुविधाओं को विस्तार देने का लक्ष्य उद्योगों के समर्थन तथा विकास से ही हासिल किया जा सकता है। कामरान रिजवी ने कहा कि इन्हीं लक्ष्यों को पूरा करने के लिए विभिन्न टैरिफ लाइनों में आयात के कारणों को समझने व आयात में कमी हेतु नीतियां बनाने तथा निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रणनीति तैयार करने के लक्ष्य को लेकर उद्योग जगत के विभिन्न प्रतिनिधियों के साथ व्यापक परामर्श और चर्चा की गई है।

डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने इस अवसर पर भारी उद्योग मंत्रालय की नई वेबसाइट का शुभारंभ भी किया

देश में आयात पर अंकुश लगाने और स्थानीयकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा की गई विभिन्न गतिविधियों के परिणामस्वरूप ऑटोमोबाइल और ऑटो उपकरणों के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (25,938 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ) सहित विभिन्न प्रमुख कार्यक्रम शुरू किये गए हैं। कैपिटल गुड्स सेक्टर पूरे देश भर में समर्थ उद्योग प्रौद्योगिकी फोरम स्थापित करने के लिए सेंटर फॉर इंडस्ट्री 4.0 (सी4आई4) के सहयोग से हरसंभव प्रयास कर रहा है। इन प्रयासों का लक्ष्य देश में जागरूकता बढ़ाना और स्मार्ट तरीके से विनिर्माण तथा उद्योग 4.0 की प्रगति को विस्तार देना है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

विज्ञापन

- Advertisment -

देश

Recent Comments

MarcusTweli on Home
WilliamCen on Home
WileyCruri on Home
Williamincal on Home
JasonGef on Home
Roberthef on Home
RussellPrell on Home
Tommykap on Home
DavidMiz on Home
SonyaKag on Home