नई दिल्ली : भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने भारत के सुप्रीम कोर्ट की तुलना अमेरिका की सर्वोच्च अदालत से करते हुए कहा कि भारत का सुप्रीमकोर्ट को जनता की अदालत करार दिया है। डीवाई चंद्रचूड़ का कहना है कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट एक साल में लगभग 80 मामलों का निपटारा करता है, जबकि इस साल भारत के सुप्रीम कोर्ट ने लोगों की सेवा करने की अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए 72,000 मामलों का निपटारा किया है। उन्होंने एचटी लीडरशिप समिट 2023 के पांचवें और अंतिम बातें कही हैं।
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि जजों को संवैधानिक नैतिकता द्वारा निर्देशित किया जाता है, न कि सार्वजनिक नैतिकता द्वारा उन्होंने भाईचारा, मानवीय गरिमा, व्यक्तिगत नैतिकता और समानता जैसे मूल्यों की भी बात कही। दिन के सत्र को संबोधित करते हुए जजों के रिटायरमेंट पर भी बोले चंद्रचूड़ ने अमेरिका और भारत के सुप्रीम कोर्ट की तुलना करते हुए जजों की सेवानिवृत्ति की आयु पर भी अपना दृष्टिकोण साझा किया। आपको बता दें कि अमेरिकी न्यायिय प्रणाली में जजों के लिए रिटायरमें की कोई उम्र नहीं है। वहीं भारत में जज रिटायर होते हैं। चीप जस्टिस ने कहा कि मुझे लगता है कि जजों को रिटायर होना चाहिए। मुझे लगता है कि मनुष्यों पर उनकी स्वयं की गलतियों की जिम्मेदारी डालना बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है। जज इंसान होते हैं। उनमें गलतियां होने की संभावना बनी रहती है। दायित्व आने वाली नई पीढ़यों को सौंपना महत्वपूर्ण हो जाता है।