Koytur Times/Korea : कोरिया और MCB जिले के तीन विधानसभा सीट भरतपुर सोनहत, मनेन्द्रगढ़ और बैकुंठपुर में 17 नम्बर को चुनाव है। और तीनों विधानसभा सीट में गोंडवाना पार्टी ने अपना मैदानी क्षेत्रों को पकड़कर भाजपा/कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है, तो वहीं मनेन्द्रगढ़ और बैकुंठपुर में कांग्रेस पार्टी को अब भी भीतरघात का डर सता रहा है। जिससे जीत हार में गोंडवाना पार्टी का प्रदर्शन दो प्रमुख पार्टियों के बीच निर्णायक भूमिका होगी जिस कारण तीनों विधानसभा में कांटे की टक्कर के साथ कहीं जातिगत समीकरण तो कहीं विरोधियों ने ही जीत की राह में रोड़ा डालकर दोनों बड़े पार्टियों का मुश्किल ना बड़ा दे, कोरिया /एमसीबी जिले की तीनों विधानसभा में से एक भी सीट ऐसी नहीं है जिस पर किसी प्रत्याशी के लिए राह आसान है, कहीं पर गोंडवाना पार्टी तो कही पर जातिगत समीकरण के नाम से प्रत्याशी माहौल बिगाड़ रहे हैं । मनेन्द्रगढ़ और बैकुंठपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं का भितरघात से प्रत्याशी की नीद उड़ा रही है। प्रत्याशियों के राजनीतिक इतिहासकार उन्हें जीत का गणित तो समझा रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर उनके यह समीकरण उलझे हुए नजर आ रहे हैं। इस बात का आभास प्रत्याशियों को भी अच्छी तरह मालूम भी है।
इस बार कोरिया और एमसीबी के तीनों सीट में टिकट वितरण को लेकर प्रदेशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। एक तरफ भाजपा ने अपने सरगुजा सांसद को भरतपुर सोनहत में उतारकर चौंका दिया था। वही भरतपुर सोनहत से कांग्रेस ने गुलाब कमरो पर फिर से भरोसा जताया है तो गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने भी अपना दमदार ने श्याम सिंह मरकाम को चुनावी मैदान में उतारा है । जबकि यह वहीं सीट है, जहा करोड़ो के विकासकार्यों का भूमिपूजन तो हुआ परन्तु आज भी कई कार्य अभी भी शुरू नहीं हुए है, जिससे इस सीट पर भी कांटे की टक्कर देखने को मिल रहा है । इस बार बैकुंठपुर विधानसभा में भी मुकाबला स्पष्ट रूप से त्रिकोणीय हो गया है। क्योंकि यहां पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने जीत भले ही हासिल न की हो, लेकिन हर चुनाव में निर्णायक भूमिका जरूर निभाती है। यहां पर आदिवासी जनजाति समुदाय का वोट बैंक बहुत ही अधिक है और इस बार भी गोंगपा से धाकड़ प्रत्याशी संजय सिंह कमरों लड़ रहे हैं। ऐसे में सीधे तौर पर दस हजार वोटों के जरिए जीत का अनुमान लगाने वाले काग्रेस व भाजपा प्रत्याशी को जातिगत वोट बैंक का नुकसान उठाना पड़ सकता है । कई जगह कांग्रेस और भाजपा नेता अंदरूनी रूप से अपने प्रत्याशी के जड़ें काटने में जुटे हैं जिससे वे भी वाकिफ भी हैं। कांग्रेस से बैकुंठपुर में अम्बिका सिंहदेव और भाजपा से पूर्व मंत्री भईया लाल राजवाड़े प्रत्याशी हैं जो पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे हैं। भाजपा कांग्रेस के वोट बैंक के जरिए हार के अंतर को पाटने के प्रयास में हैं। लगातार दो चुनाव जीत भी चुके हैं। ऐसे में तीनों के बीच कड़ा संघर्ष इस चुनाव में देखने को मिल सकता है ।
जहां मनेन्द्रगढ़ विधानसभा में कांग्रेस से रमेश सिंह और भाजपा से श्याम बिहारी जायसवाल के बीच इस बार सीधा मुकाबला है। यहां चिरमिरी अस्तित्व बचाओ और चिरमिरी के साथ छलाव का मुद्दा बहुत हावी हैं, वही चिरमिरी का वोट बैंक भी हार – जीत तय करने में निर्णायक भूमिका निभाते आ रहा हैं। यह सीट भी सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है। राज्य गठन के बाद यहां चिरमिरी और खड़गवां से दो ही प्रमुख राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशी को जीत मिलती आ रही है। यहां दोनों ही प्रत्याशियों के पास स्थानीय मुद्दों का अभाव है। जहां भाजपा मोदी सरकार और कांग्रेस अपने राज्य सरकार की उपलब्धियां गिना रहे हैं साथ ही मुख्यमंत्री के चेहरे के भरोसे पर टिकी हुई हैं।