मंगला ताई उइके राष्ट्रिय अध्यक्ष मातृशक्ति प्रकोष्ठ कोया पुनेम गोंडवाना महासभा (कार्यक्षेत्र सम्पूर्ण भारत)
नागपुर -: गोंड़वाना भू-भाग के रक्षक शिरोमणि राजा शंकरशाह शाह और पुत्र कुँवर रघुनाथ शाह का 165 वाँ बलिदान दिवस गांव उमरी ता कामठी जिला नागपुर महाराष्ट्र में बहुत ही धूमधाम स्व मनाया
इस कार्यक्रम तिरुमाय मंगला ताई उइके ( राष्ट्रीय अध्यक्ष मातृशक्ति प्रकोष्ठ कोया पुनेम गोंड़वाना महासभा भारत) मुख्य रूप से संम्लित हुई ।
मंगला ताई उइके ने राजा शंकरशाह और कुँवर रघुनाथ शाह को श्रंद्धाजलि देते हुए कहा कि हमारी गोंडवाना मातृभूमि आन बान शान के लिए मर मिटने वाले गोंडवाना साम्राज्य के वीर योद्धा महाराजा शंकर शाह मडावी पुत्र कुंवर रघुनाथ शाह मरावी जी के शहादत दिवस पर सादर सेवा जोहार 18 सितंबर 1857 भारत के इतिहास में एक अद्भुत घटना हुई है !
अंग्रेजों ने गोंडवाना के राजा शंकर शाह और उनके पुत्र रघुनाथ जी को तोफ के सामने बांध कर उड़ा दिया गया था । गोंडवाना साम्राज्य की गढ़ मंडला जबलपुर के महाराजा शंकर शाह एवं पुत्र रघुनाथ शाह का बलिदान दिवस मनाया जा रहा है । ज्ञात हो कि आजादी की लड़ाई में सबसे पहले अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ 1857 बिगुल फूंकने वाले दोनों पिता-पुत्र को बंदी बनाकर 4 दिन तक एक कमरे में बंद किए भूखे प्यासे उन्हें उस कमरे में रखा गया था, उसके बाद में उन्हें एल्गिन ह हॉस्पिटल गोंडवाना चौक जबलपुर रेलवे स्टेशन के आगे
तोफ के मुंह में बांधकर उड़ा दिया गया था ।
इतिहासकारों ने ऐसे शुरू वीरों का नाम इतिहास के पन्नों पर लिखना उचित नहीं समझा बड़ी दुःख की बात है इसलिए कि वह कोयतुर कोया वंशीय गोंड समुदाय के थे ।

मेरे सभी सगा समुदाय को कहना चाहती हूं की जिन वीरों ने अपना बलिदान दिया है उनकी शहादत दिन के मौके पर अपने घरों से निकले अभी जागृत वनों जागृत हो जाओ वरना आपके ऊपर अतिक्रमण कारी आक्रमण करने आज भी तैयार है इसलिए जागो और हमारे समाज को जागृत करो हमारे कोयतुर कोया वंशीय गोंड समुदाय के क्रांतिकारी महाराजा शंकर शाह मरावी वह पुत्र कुंवर रघुनाथ शाह मरावी इनके 165 वाँ बलिदान दिन पर कोटि कोटि उलगुलान सेवा जोहार करते हुए अपनी बात को समाप्त की इस कार्यक्रम में कामठी एंव आसपास के कोयतुर कोया वंशी गोंड समुदाय के लोग उपस्थित थे !