दुर्गुकोंदल -: सर्व आदिवासी समाज और मूलनिवासी ने राज्य सरकार के पेशा नियम और केंद्र सरकार के वन पर्यावरण कानून के विरोध में एक दिवसीय धरना दिया । धरना स्थल से रैली निकालकर पेशा नियम और वन दुर्गकोंदल पर्यावरण कानून को रद्द करने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ राज्यपाल और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम दुर्गकोंदल तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा । मंगलवार को विकासखंड में सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले गोड़ समाज , हल्बा समाज , गांड़ा समाज , कलार समाज , मरार समाज , साहू समाज , निषाद समाज के लोगों ने दुर्गूकोंदल के बाजार मंडी में इकट्ठा हुए । और सभी गांवों के गायता , पटेल , क्षेत्रीय अध्यक्ष , विकासखंड स्तरीय पदाधिकारियों ने संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर की छायाचित्र पर पूजा अर्चना किया । सभी पदाधिकारियों ने पेशा नियम में ट्राइबल समुदाय , मूलनिवासियों को अपने अधिकार से वंचित रखे जाने को लेकर विचार रखा । सर्व आदिवासी समाज जगतराम दुग्गा , गोंड़ समाज अध्यक्ष उपाध्यक्ष रामचंद्र कल्लो ने कहा कि वर्षों से पेशा अधिनियम के नियम बनाने की मांग रखी जा रही थी । ताकि पेशा नियम के तहत ट्राइबल समुदाय और यहाँ के मूलनिवासियों को उनके अधिकार मिल पाए , लेकिन छग सरकार ने पेशा नियम की प्रारूप बनाई है , जिसमें आम लोगों को पूरी तरह से दरकिनार किया गया है । वन पर्यावरण कानून में भी ट्राइबल समुदाय को घर बार छोड़ने को मजबूर करने जैसे नियम हैं । संविधान में जो बातें पूर्व में लोगों के अधिकार के लिए उल्लेखित किया गया है , उसमें भी बेदखल किया जा रहा है । उद्योगपति , पूंजीपतियों को सीधा लाभ पहुंचाने का षड्यंत्र है । इसलिए हम विरोध करने सड़क पर उतर रहे हैं । सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक कमलसिंह कोर्राम , सुकलाल दुग्गा , शिरो कोमरे , शकुंतला नरेटी , सेवालाल चिराम ने कहा कि जब पेशा नियम बनाया तो सरकार को ट्राइबल समुदायों के अधिकार को ध्यान में रखते हुए बनाना था , लेकिन पेशा नियम में जो भी नियम बनाए गए है उसमे ट्राइबल समुदाय को सिर्फ मुख दर्शक बनाये रखने जैसा कानून है ।