विजय सिंह मरपच्ची/सूरजपुर : आदिवासी समन्वय समिति के आह्वान पर कॉमन सिविल कोड (यू.सी.सी.) और पूरे देश के आदिवासियों पर चौतरफा हमले के खिलाफ विराट धरना एवं प्रदर्शन दिनांक 06 अक्टूबर 2023 समय 10:00 बजे दिन से दिल्ली के जन्तर-मन्तर में होगा ।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि पूरे देश में आदिवासियों पर आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक तौर पर हमला हो रहा है। एक तरफ कॉमन सिविल कोड लाकर आदिवासियों पर दिये गये संवैधानिक अधिकार जैसे – पाँचवीं अनुसूची के अन्तर्गत संविधान के अनुच्छेद 244 (ए) और (बी) तथा छठी अनुसूची पेसा कानून, समता जजमेन्ट, देश के प्रदेश स्तर पर आदिवासियों के जमीन मामले एवं झारखण्ड में छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम 1908 एवं संथाल परगना अधिनियम 1949 और आदिवासियों के पारम्परिक रूप से विवाह संबंधित विषय पर एकमुश्त समाप्त हो जायेंगे। साथ ही हाल के दिनों में वन अधिकार कानून को संशोधन कर ग्राम सभा की शक्तियों को भी समाप्त किया गया है। और इस वक्त आदिवासियों पर चारों तरफ से सामाजिक तौर पर हमला हो रहा है। कभी आदिवासियों के अमानवीय व्यवहार के तौर पर माथे पर पेशाब किया जा रहा है । मणिपुर में आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर सामाजिक तौर पर घुमाया जा रहा है। ऐसे प्रकरण से हमें महसूस हो रहा है कि इस देश में हमलोगों को समाप्त करने का एक षडयंत्र चल रहा है। इन सभी मुद्दों को लेकर आदिवासियों का मान-सम्मान एवं संवैधानिक अधिकार की रक्षा के लिए पूरे देश में जागरूकता अभियान चल रहा है और आदिवासी समाज संघर्षरत है।
इसलिए इन सभी जन विरोधी मुद्दों के खिलाफ आदिवासी समन्वय समिति भारत के तत्वाधान में दिनांक 06 सितंबर 2023 को जन्तर-मन्तर नई दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा ।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आदिवासी समन्वय समिति ने सिर्फ झारखण्ड को ही नही पूरे देश के आदिवासियों से निवेदनकिया है की अपनी संवैधानिक अधिकार एवं अपनी मान सम्मान बचाने के लिए जन्तर-मन्तर नई दिल्ली में पहुँच कर अपना क्रांतिकारी विचार देकर चट्टानी एकता का परिचय दें।
–: आदिवासी समन्वय समिति हमारी प्रमुख माँगे :-
- सम्पूर्ण भारत में आदिवासियों के हित के लिए यू.सी.सी. (कॉमन सिविल कोड) जो आदिवासियों के लिए काला कानून है इसको अविलम्ब वापस लिया जाय ।
- मणिपुर में आदिवासियों पर हो रहे हमले को अविलम्ब रोक लगाया जाय और शांति बहाल किया जाय।
- आदिवासियों की धर्म एवं संस्कृति की पहचान के लिए भारत की जनगणना प्रपत्र में अलग धर्मकोड का उल्लेख किया जाय।
- आदिवासियों पर अत्याचार रोकने के लिए अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार अधिनियम 1989 को और मजबूत किया जाय।
- पूरे देश में ग्राम सभा की शक्तियाँ बहाल करो।
- आदिवासियों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून बनाकर लागू करो, जैसे अनेकों मुद्दे है ।