मंडला/ मंगल सिंह करचाम : मंडला जिले के वरिष्ठ समाजसेवी एवं समाज के प्रति समर्पित मंगल सिंह करचाम ने अधिकारी-कर्मचारी सामाजिक समस्याओं का समाधान कैसे किया जा सकता है. इस पर बैठकर चिंतन-मनन किया ।
शासन द्वारा आम जनता की सेवा सहायता के कार्य संपादित करने हेतु शासकीय विभागों/संस्थाओं के कार्यालयों में शासकीय सेवक नियुक्त किया जाता है । शासकीय कार्यालयों में हर वर्ग का काम-काज किया जाता है। किसी एक वर्ग का किसी दूसरे वर्ग के द्वारा शोषण, वर्ग भेदभाव, अन्याय, अत्याचार आदि न हो सके। इस दृष्टि से शासन के प्रत्येक शासकीय विभाग के कार्यालयों में जनसंख्या के अनुपात में शासकीय सेवाओं में संवैधानिक मंशा के अनुरूप प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाता है। शासकीय विभागों/संस्थाओं के कार्यालयों में आम जनता के लिये मूलभूत / बुनियादी जरूरतें जैसा कि चिकित्सा व स्वास्थ्य, शैक्षणिक, कृषि, खाद्य सामाग्री, बिजली, पानी, सड़क, साफ-सफाई, रोजगार के व्यवस्था सुनिश्चित करवाने हेतु कार्य संपादित किया जाता है। शासकीय सेवकों को इन कार्यों को शीघ्र सुगमता एवं विधिवत् संपादित करने के बदले में मासिक वेतन एवं भत्ते, शासकीय अवकाश, सेवानिवृत्ति पर पेंशन एवं अन्य देय स्तत्व प्रदाय किया जाता है ।
शासकीय सेवकों के द्वारा आम जनता के उक्त मूलभूत / बुनियादी जरूरतों की पूर्ति सुनिश्चित कराने तथा उनके विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिये किये जा रहे कार्यों का फीडबैक सही नहीं है। विश्वस्त सूत्रों समाचार-पत्रों, सोसल मीडिया एवं जन चर्चा के माध्यम से संज्ञान में आता रहता है कि शासकीय विभागों के कार्यालयों में कार्यरत कुछ अधिकारी-कर्मचारी आम जनता के लिये किये जाने वाले कार्यों के बदले में रूपये-पैसे अथवा कमीशन लेकर कार्य करते हैं। कार्यों में कमी- बेशी बताकर आपत्ति लगाकर लेट-लतीफी जान-बूझकर किया जाता है, तो आम जनता इस झंझट व कठिनाई से बचकर जल्दी करवाने के लिये रूपये-पैसे अथवा कमीशन देने के लिये मजबूर हो जाता है।
यह भ्रष्टाचार एक शिष्टाचर बन गया है। यह लोक सेवक के आचरण-व्यवहार एवं सेवा शर्तों के विपरीत कृत्य है । यह संवैधानिक मंशा के अनुरूप दिये गये सामाजिक प्रतिनिधित्व के अधिकारों एवं दायित्वों का सरासर उल्लंघन भी है। इससे स्पष्ट होता है कि कुछ शासकीय सेवकों के द्वारा संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन ठीक ढंग से नहीं किया जाता है ।
“आम जनता संयुक्त मोर्चा” विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं आम जनता की गैर-राजनैतिक सामाजिक संयुक्त मंच / संयुक्त मोर्चा है, आम जनता की आवाज और ताकत है । इस दृष्टि से आम जनता के साथ भ्रष्टाचार-शोषण, वर्ग भेदभाव, अन्याय, अत्याचार आदि न हो, इसके नियंत्रण के लिये कार्य करता है। शासन-प्रशासन स्तर से इस पर नियंत्रण कराने हेतु “भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान” चलाया जा रहा है। यदि किसी सरकारी कार्यालय में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी द्वारा आम जनता के कार्यों को कराने के बदले में रूपये-पैसे अथवा कमीशन लेन-देन का मामला संज्ञान में आता है, तो उस अधिकारी-कर्मचारी एवं उसको संरक्षण देने वाले को तत्काल उसके कार्य प्रभार से हटवाने हेतु शासन-प्रशासन को पत्राचार किया जायेगा । साथ ही ऐसे भ्रष्टाचार मामलों को लोकायुक्त पुलिस को जाँच एवं कार्यवाही हेतु प्रेषित किया जायेगा। ताकि आम जनता के साथ होने वाले भ्रष्टाचार-शोषण पर नियंत्रण हो सके ।