गरियाबंद : जिले में अतिक्रमण मामले में गिरफ्तार आदिवासी युवक की मौत को लेकर दूसरे दिन भी आदिवासी समाज ने जिला मुख्यालय का घेराव किया। इस दौरान समाज ने सात सूत्रीय मांगों को लेकर वन विभाग के दफ्तर का भी घेराव किया। नेशनल हाइवे को भी चार घंटे तक आदिवासी समाज ने जाम रखा। प्रशासन के लिखित आश्वासन के बाद समाज ने आंदोलन समाप्त किया। दूसरी ओर देर शाम 5 बजे युवक का शव लेकर गरियाबंद पहुंचे, तिरंगा चौंक में आदिवासी समाज ने श्रद्धांजलि अर्पित की। जिसके बाद शव को गृहग्राम भेज दिया गया ।
आपको बता दे की वन भूमि में अतिक्रमण को लेकर गिरफ्तार किए गए झितरी डूमर के आदिवासी युवक भोजराम ध्रुव पिता चमरू ध्रुव की रायपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई। युवक को 28 अगस्त को वन विभाग ने पकड़कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा था। जेल में निरुद्ध करने के बाद अचानक उसकी तबियत बिगड़ी और उसे पहले जिला अस्पताल गरियाबंद फिर रायपुर में भर्ती किया गया। रायपुर में इलाज के दौरान 4 सितंबर को उसकी मौत हो गई। इधर आदिवासी समाज ने युवक की मौत को लेकर आशंका जताई, समाज ने कहा कि जब युवक को हिरासत में लिया गया था, तब वह पूरी तरह से स्वस्थ था, फिर अचानक मौत कैसे हो गई। सूत्रो के मुताबिक गिरफ्तारी के बाद युवक सदमे में था, ब्रेन हेमरेज होने से उसकी मौत होने के खबर है। इसके पहले घटना को लेकर लगातार दूसरे दिन आदिवासी समाज में आक्रोश देखने को मिला। दूसरे दिन मंगलवार को भी आदिवासी समाज ने जिला मुख्यालय के तिरंगा चौंक में जमकर प्रदर्शन किया । नेशनल हाईवे 130 सी में चक्काजाम कर दिया है। हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग ने अपनी मांग को लेकर सड़क पर बैठ गए और प्रदर्शन किया। जिसके कुछ देर बाद समाज ने वन विभाग के दफ्तर का भी घेराव कर दिया ।
डीएफओ, वन कर्मी और वन मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की इस दौरान आदिवासी समाज ने पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपए की मुआवजा राशि देने और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और डीएफओ और वनकर्मी को बर्खास्त करने मामले जांच सीबीआई से करने व वनकर्मी के विरुद्ध एसटी एससी के तहत मुकदमा चलाने की मांग की। करीब चार पांच घंटे तक आदिवासी समाज प्रदर्शन करता रहा जिसके बाद प्रशासनिक प्रतिनिधिमंडल चर्चा के लिए आए ।
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