बाकू :- प्रगनाननंदा और विश्व नंबर एक नार्वे के मैग्नस कार्लसन के बीच विश्व कप के फाइनल में दूसरी बाजी भी बराबरी पर छूटी। क्लासिकल प्रारूप की इस बाजी में प्रगनाननंदा काले मोहरों से खेल रहे थे। दोनों के बीच पहली बाजी 35 चाल के बाद ड्रॉ रही थी और दूसरी बाजी भी 30 चाल के बाद ड्रॉ रही। अब विशव चैंपियन का फैसला गुरुवार को टाई ब्रेक के जरिए होगा।
एक घंटे तक चले मुकाबले में दोनों खिलाड़ियों ने 30 चालें चलीं, लेकिन मैच बराबरी पर रहा और अंत में दोनों ने ड्रॉ खेलने का फैसला किया। इस मैच में कार्लसेन सफेद मोहरों से खेल रहे थे और शुरुआत में वह समय के लिहाज से आगे थे, लेकिन इसका फायदा नहीं उठा सके और अंत में वह खुद समय के मामले में पिछड़ने लगे थे। फाइनल में जगह बनाने के बाद, प्रगनाननंदा और कार्लसन के बाद कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने वाले तीसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए।
इस मैच में सफेद मोहरों से खेलते हुए कार्लसन शुरुआत से ही रक्षात्मक तरीके से खेल रहे थे। उनकी पहली चाल के साथ ही ऐसा लग रहा था कि उन्हें हार का डर है या वह टाई ब्रेक में जाकर ही जीत हासिल करना चाहते हैं। इसी वजह से उन्होंने यह मैच जीतने की कोशिश भी नहीं की और खेल ड्रॉ पर खत्म हुआ। अब गुरुवार को टाई ब्रेक में विश्व विजेता का फैसला होगा।