Thursday, January 9, 2025
Homeभारतजम्मू-कश्मीर में लागू भारतीय संविधान 1957 की तरह ही रहेगा स्थिर

जम्मू-कश्मीर में लागू भारतीय संविधान 1957 की तरह ही रहेगा स्थिर

नई दिल्ली :- सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर सवाल उठा रहे वकील से जानना चाहा कि अगर जम्मू-कश्मीर में भारत का संविधान 1957 की तरह लागू रहेगा तो इसका शुद्ध परिणाम क्या होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर संविधान के अनुच्छेद 5 से पता चलता है कि भारतीय संविधान जम्मू-कश्मीर पर लागू होगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि इसका शुद्ध परिणाम यह है कि जम्मू-कश्मीर में लागू भारत का संविधान 1957 की तरह ही स्थिर रहेगा। भारतीय सांविधानिक कानून में कोई और विकास या बदलाव जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं हो सकता, इसे कैसे स्वीकार किया जा सकता है।
सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा, जम्मू-कश्मीर संविधान के अनुच्छेद 5 से पता चलता है कि भारतीय संविधान उन मामलों को छोड़कर सभी मामलों में जम्मू-कश्मीर पर लागू होगा, जिसके लिए भारत के संविधान के प्रावधानों के तहत संसद को राज्य के लिए कानून बनाने की शक्ति है। पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर सवाल उठा रहे वकील से जानना चाहा कि अगर जम्मू-कश्मीर में भारत का संविधान 1957 की तरह लागू रहेगा तो इसका शुद्ध परिणाम क्या होगा। पीठ ने पूछा, इसे कैसे स्वीकार किया जा सकता है, भारतीय सांविधानिक कानून में कोई भी आगे का विकास या बदलाव जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं हो सकता है।
वकील दिनेश द्विवेदी ने कहा, संप्रभुता में दो भाग शामिल हैं। सिर्फ इसलिए कि राज्य ने बाहरी संप्रभुता को सौंप दिया था, यह आंतरिक संप्रभुता को छोड़ने के बराबर नहीं है। उन्होंने कहा कि 1957 में जम्मू-कश्मीर का संविधान लागू होने के बाद अनुच्छेद 370 समाप्त हो जाता है।
कोई प्रावधान नहीं जो भारतीय संविधान लागू होने से रोके
पीठ ने कहा, भारतीय संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जो जम्मू-कश्मीर में इसके लागू होने पर रोक लगाता हो। अदालत ने यह भी कहा कि यदि अनुच्छेद 370 समाप्त हो जाता है और अनुच्छेद 1 लागू रहता है तो जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और निश्चित रूप से, भारत में प्रत्येक लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित संस्थान के अधिकार क्षेत्र को इसके लागू होने से बाहर नहीं रखा गया है। पीठ ने विशेष रूप से द्विवेदी से पूछा कि भारतीय संविधान में एक प्रावधान होना चाहिए जो जम्मू-कश्मीर पर लागू करने से बाहर रखे। सुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी।
पीठ ने द्विवेदी से पूछा, जम्मू-कश्मीर संविधान में ऐसा कौन सा प्रावधान है जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 245 के बराबर है? द्विवेदी ने जम्मू-कश्मीर संविधान के अनुच्छेद 3, 4 और 5 का हवाला दिया। इस पर सीजेआई ने कहा कि जम्मू-कश्मीर संविधान के अनुच्छेद 5 में कहा गया है कि राज्य की कार्यकारी और विधायी शक्ति उन मामलों को छोड़कर सभी मामलों तक फैली हुई है, जिनके संबंध में संसद को भारत के संविधान के प्रावधानों के तहत राज्य के लिए कानून बनाने की शक्ति है। उन्होंने कहा कि यह बताता है कि भारतीय संविधान जम्मू-कश्मीर पर लागू होता है। सीजेआई ने द्विवेदी से कहा कि जब तक हम यह स्वीकार नहीं करते कि अनुच्छेद 370 वर्ष 2019 तक जारी रहेगा, तब तक संसद के अधिकार क्षेत्र (अनुच्छेद 5 के अनुसार) पर कोई आघात नहीं होगा।

जम्मू-कश्मीर के अनुच्छेद 5 का हवाला देते हुए सीजेआई ने कहा, ’लेकिन अनुच्छेद 370 के लिए, संसद के पास सूची 1 सूची 3 के सभी पहलुओं के संबंध में कानून बनाने की शक्ति होगी। यदि अनुच्छेद 370 चला जाता है, तो संसद की शक्ति की सीमा कहां है ।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

विज्ञापन

- Advertisment -

देश

Recent Comments

MarcusTweli on Home
WilliamCen on Home
WileyCruri on Home
Williamincal on Home
JasonGef on Home
Roberthef on Home
RussellPrell on Home
Tommykap on Home
DavidMiz on Home
SonyaKag on Home