अम्बिकापुर! छत्तीसगढ़ निर्माण के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में पूरे प्रदेश में इस समय रजत महोत्सव 2025 की धूम मची हुई है। रजत महोत्सव के अंतर्गत विभिन्न विभागों द्वारा विविध सांस्कृतिक और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में पारंपरिक तीजा पोरा तिहार का आयोजन बड़े उत्साह और उमंग के साथ किया गया।
महिलाओं की बड़ी सहभागिता
कार्यक्रम में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से आई महिलाओं की बड़ी संख्या में सहभागिता रही। महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में सजधज कर आंगनबाड़ी केंद्रों में पहुंचीं और तीजा पोरा तिहार से जुड़े रीति-रिवाजों का पालन किया। इस अवसर पर महिलाओं ने सामूहिक पूजा-अर्चना की, लोकगीत गाए और पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत कर छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक समृद्धि का प्रदर्शन किया।
स्वास्थ्य और पोषण पर जागरूकता
तीजा पोरा तिहार के दौरान केवल धार्मिक और सांस्कृतिक पहलू ही नहीं, बल्कि जागरूकता के संदेश भी दिए गए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने उपस्थित महिलाओं को मातृ-शिशु स्वास्थ्य, पोषण, संतुलित आहार, स्वच्छता और महिला सशक्तिकरण से संबंधित जानकारी प्रदान की। अभिभावकों को बच्चों के पोषण स्तर और स्वास्थ्य देखभाल पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी गई।
सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक संदेश
इस आयोजन का उद्देश्य न केवल छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत रखना है, बल्कि समाज में सामूहिकता, सहभागिता और एकजुटता की भावना को भी मजबूत करना है। रजत महोत्सव के तहत आयोजित ऐसे कार्यक्रम समाज के सभी वर्गों को जोड़ने और सांस्कृतिक धरोहर को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण माध्यम बन रहा है।