वॉशिंगटन :- इस दशक के अंत तक इंसानों को चांद पर बसाया जा सकता है। यह दावा नासा के ओरियन अंतरिक्ष यान अभियान का नेतृत्व कर रहे हॉवर्ड हू ने किया है। उनके मुताबिक इंसान 2030 से पहले चांद पर सक्रिय हो सकते हैं। वहां उनके रहने के लिए बस्ती होगी और काम में सहयोग करने के लिए रोवर्स होंगे। उन्होंने कहा कि हम कुछ लंबे काल खंडों तक चांद पर रह सकते हैं, क्योंकि वहां इंसानों के रहने लायक जगह होगी।
हॉवर्ड के अनुसार हम चांद पर इंसानों को भेजेंगे। वे वैज्ञानिक कार्य करेंगे और वहां के वातावरण में ढल जाएंगे। उन्होंने कहा आर्टेमिस रॉकेट के जरिए ओरियन स्पेसक्राफ्ट की रवानगी इंसान की अंतरिक्ष उड़ान के लिए ऐतिहासिक है। मिशन कामयाब होता है तो आर्टेमिस 2 व 3 की उड़ानों का रास्ता साफ होगा। इनमें अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजा जाएगा।
नासा पिछले बुधवार को आर्टेमिस-1 मिशन लॉन्च कर चुका है। बिना चालक दल वाले ओरियन स्पेसक्राफ्ट की यह पहली परीक्षण उड़ान है। ओरियन करीब 42 दिन चांद का परीक्षण करेगा। यह 11 दिसंबर को धरती पर लौटेगा। करीब 50 साल बाद नासा ने मून मिशन की शुरुआत की है। गौरतलब है कि 1972 में अपोलो-17 मिशन के बाद इंसान चांद पर नहीं पहुंचे हैं।
नासा चांद की सतह से 60 मील ऊपर ओरियन उपग्रह से विभिन्न परीक्षण करेगा। आर्टेमिस मिशन के जरिए नासा की योजना चांद पर अंतरिक्ष यात्रियों के रहने के लिए स्पेस स्टेशन के निर्माण की है। वह आर्टेमिस अभियान को मंगल ग्रह पर जाने के महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम की शुरुआत के तौर पर भी देख रहा है।