भुवनेश्वर/ ओडिशा सरकार ने राज्य के विमानन अवसंरचना क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए भुवनेश्वर में अपनी पहली रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) सुविधा की स्थापना के लिए सभी प्रशासनिक औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। यह पहल राज्य को विमानन उद्योग की आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करने के साथ-साथ रोजगार और निवेश के नए अवसर भी सृजित करेगी। राज्य सरकार की नई डेस्टिनेशन पॉलिसी के तहत यह रणनीतिक निर्णय लिया गया है, जिसका उद्देश्य ओडिशा को एक उभरते हुए विमानन हब के रूप में विकसित करना है। इस नीति के माध्यम से एयरलाइनों को मार्ग सहयोग, संरचित प्रोत्साहन और लॉजिस्टिक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। एमआरओ सेंटर की स्थापना से ओडिशा को तकनीकी दक्षता, स्थानीय रोजगार सृजन और विमानन से जुड़ी सप्लाई चेन को मजबूती मिलेगी। यह केंद्र पूर्वी भारत में अपनी तरह की पहली सुविधा होगी, जो राज्य की विमानन क्षमताओं को नए आयाम प्रदान करेगी।
ओडिशा को जोड़ा वैश्विक विमानन मानचित्र से
नई नीति के तहत अब तक 13 नई उड़ान सेवाएं जिनमें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों शामिल हैं — शुरू की जा चुकी हैं। खासकर दुबई और अबू धाबी के लिए सीधी उड़ानों ने प्रवासी समुदाय और वैश्विक व्यापार से राज्य की कनेक्टिविटी को बढ़ाया है। इसके परिणामस्वरूप पर्यटन, निवेश और वैश्विक साझेदारी के अवसरों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है।
विमानन नीति से क्षेत्रीय हवाई अड्डों को भी मिला बल
सरकार की इस नीति का असर केवल राजधानी तक सीमित नहीं है। राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित हवाई पट्टियों को सक्रिय कर क्षेत्रीय संपर्क को मजबूत किया गया है। इससे न केवल आंतरिक पर्यटन को बढ़ावा मिला है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई गति मिली है। वाणिज्य एवं परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार का दीर्घकालिक उद्देश्य ओडिशा को पूर्वी भारत में विमानन सेवा, रखरखाव और लॉजिस्टिक्स का प्रमुख केंद्र बनाना है। एमआरओ सुविधा के साथ-साथ बढ़ती उड़ान सेवाएं, हवाई अड्डा सुविधाएं और अंतरराष्ट्रीय संपर्क इस दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।