नई दिल्ली/वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा को लेकर सरकार ने वेतनभोगी करदाताओं को बड़ी राहत दी है केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी ने आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई से बढ़ाकर अब 15 सितंबर 2025 कर दी है जिससे लाखों वेतनभोगी पेशेवरों को समय पर रिटर्न दाखिल करने में सहूलियत मिलेगी आयकर विभाग ने आईटीआर-1 से लेकर आईटीआर-4 तक सभी फॉर्म्स अपने आधिकारिक पोर्टल पर उपलब्ध करा दिए हैं और करदाता अब इन्हें भरकर ऑनलाइन जमा कर सकते हैं यदि कोई व्यक्ति निर्धारित समयसीमा के भीतर रिटर्न दाखिल नहीं करता है तो उसे अधिनियम की धारा 234A के तहत जुर्माना और ब्याज दोनों देना पड़ सकता है कुल आय ₹5 लाख से कम होने पर विलंब शुल्क 1000 रुपए तक हो सकता है जबकि 5 लाख रुपए से अधिक आय होने पर यह जुर्माना 5000 रुपए तक पहुंच सकता है साथ ही बकाया टैक्स पर हर महीने एक प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज भी देना होगा हालांकि जिन व्यक्तियों की आय कर छूट सीमा से कम है और जिनकी उम्र 60 वर्ष से कम है उनके लिए रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य नहीं है सरकार के इस निर्णय से करदाताओं को न सिर्फ राहत मिली है बल्कि समय पर और सही ढंग से टैक्स फाइलिंग की प्रक्रिया में भी सुधार की उम्मीद की जा रही है ।