Friday, July 4, 2025
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वाद्ययंत्र हेतु सहायक अनुदान प्राप्त करने का अंतिम अवसर, 20 अगस्त तक बढ़ाई गयी

एमसीबी, छत्तीसगढ़/ राज्य शासन द्वारा प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने एवं दुर्लभ संगीत शैलियों व पारंपरिक वाद्ययंत्रों के संवर्धन हेतु एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में संचालित की जा रही योजना “संगीत की दुर्लभ शैलियों व वाद्यों” के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 में कार्यशील लोककला दलों को वाद्ययंत्र हेतु सहायक अनुदान प्रदान किया जाना प्रस्तावित है। यह योजना उन कलाकारों और सांस्कृतिक समूहों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो वर्षों से लोकसंस्कृति की सेवा में संलग्न हैं और जिनके प्रयासों से छत्तीसगढ़ की लोककला और संगीत की परंपरा जीवित है। एमसीबी जिला के संस्कृति एवं पुरातत्व अधिकारी विनोद पाण्डे द्वारा समस्त लोककला दलों से निर्धारित प्रारूप में वांछित जानकारी 16 जून 2025 तक उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया था, किंतु आज दिनांक तक अधिकतर दलों की ओर से अपेक्षित मांग-पत्र प्राप्त नहीं हो सका हैं। इस स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए तथा सभी पात्र लोककला दलों को योजना से जोड़ने के उद्देश्य से विभाग द्वारा उक्त तिथि में वृद्धि करते हुए अब अंतिम तिथि 20 अगस्त 2025 निर्धारित की गई है। अब जिले के सभी पंजीकृत एवं सक्रिय लोककला दलों से पुनः आग्रह किया गया है कि वे योजना का लाभ लेने हेतु सत्यापित प्रतिवेदन सहित सभी आवश्यक दस्तावेज विभाग को नियत तिथि तक अनिवार्यतः रूप उपलब्ध कराये, जिससे उनकी पात्रता का परीक्षण कर समय-सीमा के भीतर वाद्ययंत्र हेतु सहायक अनुदान का लाभ प्रदान किया जा सके। यह योजना न केवल पारंपरिक वाद्ययंत्रों के संरक्षण की दिशा में एक सार्थक प्रयास है, बल्कि इससे लोक कलाकारों को अपनी प्रस्तुति की गुणवत्ता बढ़ाने में भी सहायता मिलेगी। अनुदान से प्राप्त वाद्ययंत्रों के माध्यम से लोककला दल अपने कार्यक्रमों में और अधिक आकर्षण उत्पन्न कर सकेंगे, जिससे नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति से जुड़ने का अवसर मिलेगा और सांस्कृतिक परंपराओं का निरंतर प्रवाह बना रहेगा। राज्य शासन का यह प्रयास स्थानीय लोक कलाकारों को प्रोत्साहित करने और उनकी सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। संबंधित विभाग द्वारा स्पष्ट किया गया है कि निर्धारित समय-सीमा के पश्चात प्राप्त मांग-पत्रों पर विचार नहीं किया जाएगा, इसलिए सभी इच्छुक लोककला दलों को समय-सीमा का पालन करते हुए शीघ्र जानकारी प्रस्तुत करना सुनिश्चित करना होगा।

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