बिलासपुर -: आजकल ईसर गउरा तिहार का सीजन चल रहा है। ईसर गउरा पूजन नवाखाई के बाद आदसिवासियों का दूसरा प्रमुख तिहार है जिसमे ईसर मरकाम राजा धमधागढ़ का विवाह राजकुमारी गउरा नेताम लांजीगढ़ के साथ व्याह पारंपरिक नेग – जोग के साथ रचाया जाता है। जिसमें शादी व्याह के सभी पारंपरिक रस्म चुलमाटी से लेकर बारात, व्याह, टिकावन एवं बारात वापसी का नेग निभाया जाता है। ये आदिम परंपरा नवाखाई / नवापनी : नवान्न अर्पण एवं गउरा पूजन आदिवासियों के प्रकृति और पूर्वजों के प्रति आदर और आभार प्रदर्शन “तेरा तुझको ही अर्पण भाव” दिखाता है।
ऐसे ही दो अलग अलग आयोजन में आज सहभागी होने का गौरव प्राप्त हुआ। दिन में देवरी खुर्द में भारत सिंह परते जी जो सुभाष सिंह परते जी पिताजी हैँ के घर ईसर गउरा का पूजन किए। रात में बिलासपुर जिले के पुरातात्विक धरोहर स्थलों मे से एक देरानी-जेठानी मंदिर के लिय मशहूर ताला गाँव में ईसर राजा के बारात में शामिल हुए। बिल्हा क्षेत्र के सगाजनों द्वारा प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यह आयोजन किया जाता है यह लगातार चतुर्थ वर्ष का आयोजन रहा, जिसमें क्षेत्र के हजारों लोग रात भर पूजा और संस्कृति अनुष्ठान में भक्ति और श्रद्धा पूर्वक शामिल हुए। बिलसपूर से जिला अध्ययक्ष के साथ रहे सर्व श्री परमेश्वर बिन्झवार जिला संयुक्त सचिव, बद्री खैरवार जिला संगठन मंत्री , युवा प्रभाग श्रीमती परमेश्वरी श्याम, मोहनिश श्याम सम्लित थे ।
इस आयोजन के प्रमुख रहे सर्व श्री रामनाथ कतलम “टोपीवाले” शिव नारायण चेचाम जिला अध्यक्ष युवा प्र. बंशिलाल नेताम अध्यक्ष माउली महासभा सुभाषिणी मरावी ब्लॉक अध्ययक्ष महिला प्र. भूपेन्द्र सिंह मरकाम ब्लॉक अध्यक्ष बिल्हा (द) महासिंह नेताम ब्लॉक अध्यक्ष युवा प्र. सलकू मरकाम, ढेलूराम ध्रुव, शिव प्रसाद नेताम, कमल मरावी पंकज उईके सहित जी एस यू के युवाजन, मोहनलाल उईके, रोहित ध्रुव आदि रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता रमेशचंद्र श्याम ने की। उन्होंने को अपनी सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रखने के लिए ऐसी आयोजन के लिए क्षेत्र के सगाजन की प्रशांश की। और 32% आरक्षण बहाली के लिए 15 नवंबर के आर्थिक नाकेबंदी की प्रशंसा की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे श्री राजेन्द्र शुक्ला अध्यक्ष कृषि उपज मंडी बिलासपुर. उन्होंने आयोजन समिति को दस हजार रुपये अनुदान तथा बुद्धदेव परिसर मे बोरवेल की सुविधा अपने तरफ से प्रदान करने की घोषणा की है ।