Wednesday, August 27, 2025
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अंग्रेज सोनाखान में बार– बार आक्रमण इसलिए कर रहे थे क्योंकि उनकी गिद्ध दृष्टि सोनाखान के सोने पर थी–नीलकंठ टेकाम

रायपुर, छत्तीसगढ़/स्वतंत्रता संग्राम 1857 के महानायक छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद वीर नारायण सिंह सोनाखान का बलिदान दिवस 16 दिसंबर को अटल परिसर सेरीखेड़ी, जिला– रायपुर में नीलकंठ टेकाम जी (IAS) विधायक केशकाल प्रदेश अध्यक्ष गोंडवाना गोंड महासभा के मुख्य आतिथ्य,आर एन ध्रुव जी प्रदेश अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ छत्तीसगढ़ के अध्यक्षता एवं एस.पी. ध्रुव प्रांतीय संयुक्त सचिव अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ छत्तीसगढ़ , डमरूधर मांझी पार्षद महासमुंद, गोंडवाना स्वदेश पत्रिका के संपादक रमेश ठाकुर, अजय ठाकुर , वेद सोरी ,महेश ध्रुव के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों के उपस्थिति में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन परस मंडावी द्वारा किया गया। 

इस अवसर पर श्री टेकाम जी ने कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह जी के शहादत की वजह से आज हमें आजादी मिली है। उन्होंने कहा कि अंग्रेज लुटेरे थे, वे बार-बार सोनाखान में आक्रमण इसलिए कर रहे थे क्योंकि उनकी गिद्ध दृष्टि सोनाखान के सोने पर थी। कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री आर एन ध्रुव जी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह का बलिदान असाधारण था। उनका पूरा परिवार उनके ससुर माधो सिंह को 31 दिसंबर 1858 में संबलपुर जेल चौक में फांसी दी गई। उनके चारो साले जिसमें हटे सिंह को अंडमान निकोबार दीप समूह में काला पानी की सजा मिली, कुंजल सिंह को संबलपुर जेल में फांसी दी गई, बेरी सिंह को संबलपुर जेल में आजीवन कारावास दी गई जहां मृत्यु हो गई, वैसे ही अंग्रेजों ने सबसे छोटे साले ऐरी सिंह को चारों तरफ से घेर कर गुफा के सुरंग के भीतर अंग्रेजों द्वारा जला दिए गए और उनके दामाद गोविंद सिंह को रायपुर में मृत्युदंड दी गई साथ ही पूर्णिमा ने कुएं में कूद कर आत्महत्या कर ली। ऐसे ही पूरा परिवार स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हो गए। विशिष्ट अतिथि श्री एसपी ध्रुव जी ने कहा कि अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारियों के समस्याओं के साथ समाज के विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु निरंतर कार्य कर रही है। मुख्य अतिथि श्री टेकाम जी ने सेरीखेरी के गलियों में घूम-घूम कर आदिवासी समाज के महिलाओं, छोटे-छोटे बच्चों, सामाजिक प्रमुखों से मिलकर उनके समस्याओं को नजदीक से देखकर समाधान हेतु आश्वत किये। सेरीखेड़ी में आजादी के बाद पहली बार शहादत दिवस का कार्यक्रम इतने बड़े लेवल पर आयोजित करने के लिए अतिथियों द्वारा कार्यक्रम के आयोजक बोधन ध्रुव,शारदा ध्रुव , सोहन ध्रुव को हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए भविष्य में इसको और बेहतर ढंग से करने का सुझाव दिए। गुल्लू रानीसागर के सुआ नृत्य की प्रस्तुति को सबने सराहा।

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