कटंगी -: अनुसूचित जनजाति समाज के गोवारी टोटम धारी समाज जिसे गोंडी में कोपाल कहा जाता हैं । बीते गुरुवार को शहर में देव दियारी पर्व के निमित कचारगड़ वाले गोंडी धर्म गुरु बाबा पहांदी पारी कुपार लिंगो की प्रतीक दो मुखी ढाल और माता रायताड़ जंगो की प्रतीक चार मुखी ढाल की पूजा गोंगो किया। इस हेतु गोंडवाना की प्रतीक पीली रैली का आयोजन किया गया। समूचे शहर का भ्रमण कर डार के साथ, पुरातन वाद्य डफरि और बाँसुरी की मधुर थाप पर आदिकालीन बिरवा नृत्य करते किया। साथ ही इस वर्ष समाज के युवाओं को प्रकृति पूजक जनजातीय समाज की पुरातन आदिम संस्कृति का महत्व समझाने की कोशिश की। शहर के सिवनी रोड में स्थित गौठान आखर में समाज के पदाधिकारियों ने सजातीय जनों की मौजूदगी में आराध्य देव खिरिया मुखिया और चंडी पूजन किया गया। जिसके बाद यहां से रैली निकालकर पूरे शहर का भ्रमण किया गया। आदिवासी गोवारी जनजाति समाज के इस कार्यक्रम में बरघाट विधायक श्री अर्जुनसिंह काकोडिया भी औचक पहुंचे और उन्होंने अनुसूचित जनजाति गोवारी समाज के इस कार्यक्रम में शिरकत कर बाजों की थाप पर जमकर नृत्य किया। गोवारी समाज संगठन के पदाधिकारियों का कहना है । जनजतीय समुदाय के गोवारी टोटम धारी अति प्राचीन जनजाति समाज है जो गोंडियन परम्परा के मुठवा, लिंगो, पेन का गोगो अपने टोटम अनुसार करता है तथा यह समाज 1926 के बालाघाट जिले के गजेटियर में गोंड, बैगा, परधान के साथ फारेस्ट ट्राइब है पर मध्यप्रदेश शासन राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग भोपाल की जुलाई 2018 की रिपोर्ट के अनुसार पिछड़ा वर्ग सूची से विलोपन न करते हुऐ अब तक अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र से वंचित रख रहा है।
इस कार्यक्रम में जनजातीय समुदाय के गोवारी समाज संगठन के संरक्षक गोविंद सेंद्रे, ब्लॉक अध्यक्ष अशोक कारसर्पे, बंडू राऊत, दागेंद्र राऊत, लालचंद भोंडे, महेंद्र सेंदरे, हेमंत कवरे, महेश बोपचे धनराज राउत, करण बोपचे, मनोज फुने, हिमांशु सेन्द्रे आदि उपस्थित रहे। इस पारम्परिक वार्षिक देव पूजा में बड़ी संख्या में युवा, महिलाये भी शामिल हुए एवँ अपनी आदिवासी संस्कृति का प्रदर्शन किया।