वाराणसी, उत्तरप्रदेश/प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी से तीन नए हवाई अड्डों का उद्घाटन किया। ये हवाई अड्डे मध्य प्रदेश के रीवा, छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में स्थित हैं। इन हवाई अड्डों से क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) – उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) के तहत जल्द ही उड़ानें शुरू होंगी। यह योजना देश के दूरदराज और कम सेवा वाले क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को बढ़ाने पर केंद्रित है और इसने अब तक 144 लाख से अधिक यात्रियों की यात्रा को सुलभ बनाया है।
आरसीएस-उड़ान योजना की शुरुआत भारत सरकार की 2016 में घोषित राष्ट्रीय नागर विमानन नीति के तहत हुई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने 27 अप्रैल, 2017 को शिमला से दिल्ली के बीच पहली उड़ान का उद्घाटन किया था। इस योजना का उद्देश्य देश के दूरदराज और कम सेवा वाले क्षेत्रों को हवाई सेवा से जोड़ना है।
अब तक, उड़ान योजना के कई संस्करण जारी किए गए हैं, जैसे उड़ान 1.0, 2.0, 3.0, 4.0 और अब 5.0 श्रृंखला। उड़ान 5.0 में श्रेणी-2 और श्रेणी-3 विमानों के उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया है और अधिकतम दूरी की सीमा को हटा दिया गया है, जिससे परिचालन लचीलापन बढ़ा है। इस संस्करण के तहत, एयरलाइंस को चार महीने के भीतर परिचालन शुरू करना होगा। इसके अतिरिक्त, उड़ान 5.1 हेलीकॉप्टर सेवाओं को बढ़ावा देने पर केंद्रित है, जिसमें हवाई किराए की सीमा कम की गई है और क्षेत्रीय क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाई गई है। वहीं, उड़ान 5.2 पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए छोटे विमानों के उपयोग को प्रोत्साहित करता है। उड़ान 5.3 और 5.4 के तहत उन मार्गों पर विशेष बोली राउंड शुरू किए गए हैं, जो किसी कारणवश बंद हो गए थे।
उड़ान योजना ने छोटे विमानों, हेलीकॉप्टरों और सीप्लेन जैसे विविध विमानों की मांग को बढ़ाया है। भारतीय एयरलाइन कंपनियों ने अगले 10-15 वर्षों में 1,000 से अधिक नए विमानों का ऑर्डर दिया है, जिससे नागर विमानन क्षेत्र में वृद्धि को प्रोत्साहन मिला है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी उड़ान योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। योजना के तहत खजुराहो, देवघर, अमृतसर, किशनगढ़, पासीघाट, जीरो, होलोंगी और तेजू जैसे पर्यटन स्थलों को जोड़ा गया है, जिससे इन क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा मिला है। उत्तर-पूर्व भारत और पहाड़ी क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर सेवाओं का विस्तार पर्यटन, आतिथ्य और स्थानीय अर्थव्यवस्था के विकास में सहायक साबित हुआ है।
अब तक, इस योजना के तहत देश के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जोड़ा जा चुका है और 86 एयरोड्रोम चालू किए गए हैं, जिनमें उत्तर-पूर्व भारत के दो हेलीपोर्ट भी शामिल हैं।