रायगढ़/ जिले के घरघोड़ा तहसील में एक शर्मनाक और मानवता को लजा देने वाली घटना घटी है, जहां एक अनुसूचित जाति की महिला के साथ जातिगत गाली-गलौज और मारपीट की गई। यह घटना समाज के लिए एक काले अध्याय के रूप में सामने आई है, जहां एक उच्च जाति के व्यक्ति ने अपने दबंगई के चलते इस अमानवीय कृत्य को अंजाम दिया। पीड़िता ने बताया कि 17 सितंबर को उसने घरघोड़ा थाने में घटना की लिखित शिकायत की, लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस की अनदेखी से निराश होकर, पीड़ित महिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय रायगढ़ में न्याय की गुहार लगाने पहुंची।
पीड़िता के अनुसार, राज उपाध्याय नामक व्यक्ति और उसके परिवार के सदस्यों ने उसे बिना किसी कारण जातिगत गालियाँ दीं और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। इतना ही नहीं, उसे निवस्त्र करने का प्रयास भी किया गया। पीड़िता ने किसी तरह अपने पति की मदद से वहां से भागकर अपनी जान बचाई। घटना की लिखित शिकायत देने के बावजूद, घरघोड़ा थाने से उसे कोई सहायता नहीं मिली। इसके बाद, उसने सामाजिक संगठन छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज की जिला कमेटी को सूचित किया और समाज प्रमुखों के सहयोग से पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आवेदन देकर न्याय की मांग की है।
पीड़िता को उम्मीद है कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय की पहल से उसे न्याय अवश्य मिलेगा और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकार की घटनाएं समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव और असमानता को उजागर करती हैं, जिन्हें रोकने के लिए त्वरित और सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।