नई दिल्ली: नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (एनसीजीजी) ने 2 से 13 सितंबर 2024 तक आयोजित दो सप्ताह के “प्रथम अग्रिम नेतृत्व विकास कार्यक्रम” का समापन किया, जो विशेष रूप से लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई देशों के सिविल सेवकों के लिए डिज़ाइन किया गया था। इस कार्यक्रम में अर्जेंटीना, कोस्टा रिका, अल साल्वाडोर, गुयाना, होंडुरास, जमैका, पैराग्वे, पेरू, सेंट किट्स एंड नेविस और सूरीनाम जैसे 10 देशों के 22 वरिष्ठ सिविल सेवकों ने हिस्सा लिया।
समापन सत्र में प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव श्री वी. श्रीनिवास और एनसीजीजी के महानिदेशक ने भारत और लैटिन अमेरिका एवं कैरेबियाई देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की प्रासंगिकता पर जोर दिया। उन्होंने भारत की सुशासन नीतियों जैसे “अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार” और डिजिटल इंडिया जैसी पहलों की चर्चा करते हुए कहा कि इनका मॉडल अन्य देशों की शासन चुनौतियों में प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकता है।
कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने चार समूहों में विभाजित होकर विभिन्न शासन संबंधी विषयों पर प्रस्तुतियाँ दीं, जिसमें नेतृत्व और नैतिकता, स्मार्ट शहरों का विकास, महिला-केंद्रित शासन और सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार जैसे प्रमुख विषय शामिल थे। इसके अलावा, प्रतिभागियों ने भारत के विभिन्न प्रमुख संस्थानों जैसे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी, साइबर सुरक्षा सेल, और राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान का दौरा किया।
कार्यक्रम का समापन भारत की सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीक ताज महल की यात्रा के साथ हुआ।