रायपुर छत्तीसगढ़ : लोक सेवा आयोग (सीजी पीएससी) ने परीक्षाओं में धोखाधड़ी और नकली परीक्षार्थियों की रोकथाम के लिए एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक का उपयोग शुरू किया है। इस नई प्रणाली के तहत, परीक्षा हॉल में परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र पर लगी फोटो का मिलान लाइव खींचे गए फोटो से किया जाएगा। एआई चेहरे के 102 बिंदुओं का मिलान करता है, जिससे मुन्नाभाई यानी किसी अन्य व्यक्ति का परीक्षा देने की संभावना लगभग समाप्त हो जाती है।
पीएससी ने इस तकनीक का पहली बार 1 सितंबर को परिवहन निरीक्षक (तकनीकी) की परीक्षा में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में उपयोग किया। 16 केंद्रों पर प्रवेश पत्र की क्यूआर स्कैनिंग के बाद बायोमेट्रिक डिवाइस से परीक्षार्थियों के फोटो और फिंगर प्रिंट लिए गए, जो एआई के माध्यम से मिलान किए गए। पिछले कुछ सालों में छत्तीसगढ़ पीएससी की परीक्षाओं में गड़बड़ियों और विवादों के चलते आयोग की छवि धूमिल हुई थी। इस नई तकनीक के जरिए आयोग ने अपनी छवि सुधारने और परीक्षाओं की निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। यदि किसी परीक्षार्थी का फोटो मैच नहीं होता है, तो देशभर में हुई पिछली परीक्षाओं में शामिल 5 लाख परीक्षार्थियों के फोटो से मिलान करने की व्यवस्था भी की गई थी, हालांकि इसका उपयोग इस परीक्षा में नहीं करना पड़ा। सीजी पीएससी ने इस परीक्षा के दौरान लिए गए फोटो और फिंगर प्रिंट को भविष्य की परीक्षाओं के लिए सुरक्षित रखा है। यह कदम आयोग की पारदर्शिता और निष्पक्षता बढ़ाने के प्रयासों का हिस्सा है, जिससे परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय बनाया जा सके।