Sunday, August 24, 2025
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भारत और मालदीव के बीच सिविल सेवक प्रशिक्षण के लिए समझौता ज्ञापन का नवीनीकरण

मालदीव: भारत और मालदीव के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करते हुए, भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और मालदीव के विदेश मंत्री श्री मूसा ज़मीर ने 9 अगस्त को माले में एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) का नवीनीकरण किया। इस एमओयू के तहत 2024 से 2029 की अवधि के दौरान मालदीव के 1,000 सिविल सेवा अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। 

यह समझौता दोनों देशों के बीच विकास साझेदारी संवाद के तहत हुआ, जिसका उद्देश्य मालदीव के सिविल सेवकों की क्षमताओं में वृद्धि करना और उन्हें सार्वजनिक नीति, शासन और क्षेत्रीय प्रशासन में उच्च स्तर की दक्षता प्रदान करना है। भारत सरकार के राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) और मालदीव के सिविल सेवा आयोग के बीच यह सहयोग नया नहीं है। 8 जून, 2019 को दोनों देशों के बीच पहली बार 1000 सिविल सेवकों के प्रशिक्षण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस समझौते के तहत, 2024 तक एनसीजीजी ने मालदीव के 1000 सिविल सेवकों को विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षित किया। 

अब तक एनसीजीजी ने मालदीव के सिविल सेवकों के लिए कुल 32 क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए हैं, जिसमें मालदीव के स्थायी सचिवों, महासचिवों और उच्च-स्तरीय प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया। इसके अतिरिक्त, मालदीव के भ्रष्टाचार विरोधी आयोग (एसीसी) और सूचना आयोग कार्यालय (आईसीओएम) के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं। इस सहयोग की सफलता को देखते हुए, मालदीव के विदेश मंत्रालय ने इस समझौता ज्ञापन के नवीनीकरण का अनुरोध किया, जिसे 9 अगस्त 2024 को आधिकारिक रूप से नवीनीकृत किया गया। इस नवीनीकृत समझौते के तहत, अगले पांच वर्षों में मालदीव के 1,000 अन्य सिविल सेवकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

भारत का राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) वैश्विक स्तर पर सार्वजनिक नीति और शासन संबंधी ज्ञान के आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। एनसीजीजी ने अब तक बांग्लादेश, तंजानिया, गाम्बिया, श्रीलंका और कंबोडिया सहित कई देशों के सिविल सेवकों के लिए सफलतापूर्वक प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए हैं। इसके अलावा, लैटिन अमेरिकी देशों और भारत-प्रशांत द्वीप-समूह सहयोग मंच (एफआईपीआईसी) तथा हिन्द महासागर तटीय सहयोग संघ (आईओआर) देशों के लिए बहु-देशीय कार्यक्रम भी संचालित किए गए हैं। एनसीजीजी के मध्य-करियर क्षमता निर्माण कार्यक्रम नागरिक-केंद्रित शासन, सेवा वितरण में सुधार और शासन में नवाचारों को बढ़ावा देने पर केंद्रित होते हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से भारत के नागरिकों के डिजिटल सशक्तिकरण और संस्थानों के डिजिटल परिवर्तन के प्रयासों का भी प्रचार-प्रसार किया जाता है।

इस नवीनीकृत समझौता ज्ञापन से न सिर्फ मालदीव के सिविल सेवकों की क्षमता और दक्षता में वृद्धि होगी, बल्कि इससे भारत और मालदीव के बीच गहरे और मैत्रीपूर्ण संबंध और अधिक सुदृढ़ होंगे। दोनों देशों के बीच इस तरह के सहयोगात्मक प्रयासों से क्षेत्रीय स्थिरता और विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

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