नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में फसलों की 109 उच्च उपज देने वाली, जलवायु अनुकूल और जैव-प्रतिबलित किस्मों को जारी किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने किसानों और वैज्ञानिकों से बातचीत की, और कृषि में मूल्य संवर्धन के महत्व पर बल दिया। किसानों ने बताया कि ये नई किस्में उनकी लागत को कम करने और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालने में सहायक होंगी।
प्रधानमंत्री ने मोटे अनाजों की पौष्टिकता पर जोर देते हुए कहा कि लोग अब पौष्टिक भोजन की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने प्राकृतिक खेती और जैविक खाद्य पदार्थों की बढ़ती मांग के बारे में भी चर्चा की, और किसानों ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की। किसानों ने कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) द्वारा जागरूकता फैलाने में निभाई गई भूमिका की भी प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि केवीके को हर महीने किसानों को नई फसल किस्मों के लाभों के बारे में जानकारी देनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों की भी सराहना की, जिन्होंने इन नई फसल किस्मों का विकास किया। वैज्ञानिकों ने बताया कि वे प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार काम कर रहे हैं ताकि अप्रयुक्त फसलों को भी मुख्यधारा में लाया जा सके। प्रधानमंत्री द्वारा जारी की गई 61 फसलों की 109 किस्मों में 34 प्रक्षेत्र फसलें और 27 बागवानी फसलें शामिल हैं। प्रक्षेत्र फसलों में मोटे अनाज, चारा फसलें, तिलहन, दलहन, गन्ना, कपास, रेशा, और अन्य अनाजों के बीज शामिल हैं। बागवानी फसलों में फलों, सब्जियों, रोपण फसलों, कंद फसलों, मसालों, फूलों, और औषधीय फसलों की विभिन्न किस्में जारी की गई हैं।