नई दिल्ली: भारतीय नौसेना का प्रमुख युद्धपोत, आईएनएस तबर, तीन दिवसीय यात्रा पर 17 जुलाई 2024 को जर्मनी के हैम्बर्ग पहुंचा। इस यात्रा का उद्देश्य भारतीय और जर्मन नौसेनाओं के बीच संबंधों को मजबूती देना और द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना है। यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी, जिनमें पेशेवर बातचीत, जहाज के चालक दल द्वारा जर्मन नौसेना अकादमी का भ्रमण और आगंतुकों के लिए जहाज का खुला प्रदर्शन शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, आईएनएस तबर का चालक दल सामुदायिक सेवा के तहत एक ओल्ड एज होम में भी सेवा देगा। हैम्बर्ग से प्रस्थान के समय, दोनों नौसेनाएं समुद्र में एक संयुक्त समुद्री साझेदारी अभ्यास भी करेंगी।
यह यात्रा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देगी बल्कि भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है। भारत और जर्मनी के बीच साझा मूल्यों, लोकतांत्रिक सिद्धांतों, और वैश्विक शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता के आधार पर बने मजबूत रिश्ते हैं। इन संबंधों में आर्थिक सहयोग, वैज्ञानिक अनुसंधान, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और रक्षा सहयोग शामिल हैं।
आईएनएस तबर, भारतीय नौसेना के सबसे शुरुआती स्टील्थ फ्रिगेट में से एक है, जो रूस में भारतीय नौसेना के लिए निर्मित किया गया था। कैप्टन एम आर हरीश के नेतृत्व में, यह युद्धपोत कई प्रकार के हथियारों और सेंसर से सुसज्जित है और भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े का हिस्सा है, जो मुंबई स्थित पश्चिमी नौसेना कमान के अंतर्गत आता है। इस यात्रा के माध्यम से, दोनों देशों के बीच समुद्री क्षेत्र में सहयोग को और बढ़ावा देने और दोनों नौसेनाओं के बीच मजबूत संबंध स्थापित करने के नए अवसरों की तलाश की जाएगी।