Friday, January 10, 2025
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आपराधिक कानून एवं अधिनियम के अंतर्गत आपराधिक कानून अधिनियमों में परिवर्तन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

बेमेतरा छत्तीसगढ़:  शासकीय पीजी कॉलेज के सभागृह में “क्रिमिनल लॉ एंड एक्ट“ के तहत आपराधिक विधि अधिनियमों में हुए परिवर्तनों पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश जिला एवं सत्र न्यायालय श्री बृजेन्द्र कुमार शास्त्री, कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू, श्री प्रणीश चौबे, अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ बेमेतरा, जिला पंचायत सीईओ श्री टेकचंद अग्रवाल, सहित कलेक्टरेट कार्यालय के अधिकारी, परिवार न्यायालय एवं जिला न्यायालय की टीम, पुलिस प्रशासन की टीम, एडवोकेट के सदस्य, डॉक्टर्स, अभियोजन अधिकारी, के अलावा इस कार्यशाला में जिले से विधि विशेषज्ञ,, वकील और कानून के छात्र के साथ ही नगर पालिका अधिकारी एवं पीजी कॉलेज बेमेतरा के प्राचार्य डॉ. टी.पी. चन्द्रवंशी, पार्षदगण एवं मीडिया के साथी उपस्थित थे।

कार्यशाला का शुभारंभ प्रधान न्यायाधीश जिला एवं सत्र न्यायालय श्री बृजेन्द्र कुमार शास्त्री द्वारा किया गया, जिन्होंने अपने संबोधन में आपराधिक न्याय प्रणाली में हाल ही में किए गए संशोधनों की महत्वपूर्णता पर प्रकाश डाला। उन्होंने ने नये क़ानून के बारे में बताते हुये कहा की हम सभी जानते है कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एवं सामाजिक समस्या के निराकरण के लिए कानून की आवश्यकता होती है। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य आपराधिक कानून में हुए परिवर्तनों को समझना और उनकी प्रभावशीलता पर चर्चा करना था। इसमें भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और साक्ष्य अधिनियम में किए गए महत्वपूर्ण संशोधनों पर गहन चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने इन परिवर्तनों के व्यावहारिक पहलुओं और उनके संभावित प्रभावों पर विचार-विमर्श किया।

इस दौरान कलेक्टर श्री शर्मा ने कहा कि नए संशोधनों से न्याय प्रणाली में पारदर्शिता और कुशलता बढ़ेगी। “वर्तमान कानूनों द्वारा दंड के स्थान पर न्याय को वरीयता देने, पुलिस व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण, कम्युनिटी पुलिसिंग आदि विषयों पर बात की  गयी। पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू ने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये कहा की यह जो वर्तमान में कानून है, वह स्वतंत्रता से पहले बना था जो की ब्रिटिशो के द्वारा बनाया गया था उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि तीन नए आपराधिक कानूनों में भारतीय दंड संहिता 1860 के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता 2023 को अधिसूचित किया गया है। कार्यशाला में भाग लेने वाले छात्रों ने भी संशोधनों के बारे में अपनी शंकाएं और विचार प्रस्तुत किए।

न्यायाधीश श्रीमती नीलिमा सिंह बघेल, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय बेमेतरा द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता अधिनियम की धारा-144 पत्नी, संतान और माता पिता के भरण पोषण एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम में हुए नवीन बदलाव की जानकारी प्रदान किया गया। श्री देवेन्द्र कुमार जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा भारतीय न्याय संहिता 2023 से संबंधित नवीन धाराओं के बारे में जानकारी दिया गया। साथ ही श्री उमेश कुमार उपाध्याय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में हुए नवीन परिवर्तन के बारे में बताया गया। कार्यशाला में श्रीमती निधि शर्मा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बेमेतरा ने विधिक सेवा प्राधिकरण के गठन व कार्य के बारे मे बताते हुए पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना व हिट एण्ड रन स्कीम के तहत पीड़ित क्षतिपूर्ति के प्रावधानों से संबंधित अधिनियमों के बारे में बताया। नेशनल लोक अदालत में मोटर एक्सीडेंट से संबंधित, प्री लिटिगेशन प्रकरणों, चेक बाउंस से संबंधित मामले तथा राजीनामा योग्य प्रकरणों के निराकरण करने के विषय में विस्तार पूर्वक बताया गया।

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