आर एन ध्रुव रायपुर: छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ द्वारा 18 दिसंबर 2023 को दिए गए ज्ञापन क्रमांक 284 में उठाई गई मांगों पर सामान्य प्रशासन विभाग (कक्ष-3/आरक्षण प्रकोष्ठ) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
जिसकी प्रक्रिया इस प्रकार है
मांग बिन्दु 1: सुप्रीम कोर्ट के अंतिम राहत के परिप्रेक्ष्य में आदिवासी वर्ग को शासकीय सेवा में भर्ती के अतिरिक्त पदोन्नति एवं स्थानीय स्तर के भर्ती में आरक्षण रोस्टर के पालन का अनुरोध किया गया था। इस पर विभागीय टीप में स्पष्ट किया गया है कि पदोन्नति में आरक्षण से संबंधित प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
मांग बिन्दु 2: आदिवासियों के नाम से फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर नौकरी करने वाले लोगों के विरुद्ध तत्काल एफ.आई.आर., केविएट एवं बर्खास्तगी की कार्यवाही करने का अनुरोध किया गया था। विभागीय टीप में बताया गया है कि ऐसे मामलों में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 24 जुलाई 2008 के परिपत्र क्रमांक एफ 13-1/2008/1-3 तथा समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन करना सभी विभागों का दायित्व है।
मांग बिन्दु 3: छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य जिलों के सभी विभागों में तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के पदों पर शत प्रतिशत भर्ती स्थानीय वर्ग के योग्य बेरोजगारों से करने का अनुरोध किया गया था। इस पर विभाग ने बताया कि 29 सितंबर 2022 के परिपत्र क्रमांक एफ 20-3/2022/1-3 के तहत माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा पारित आदेश दिनांक 12 मई 2022 की छायाप्रति शासन के समस्त विभागों को पालनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित की गई है। इसके तहत छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्ते) नियम, 1961 के नियम 5 में संशोधन किया गया है।
सभी संबंधित विभागों को निर्देशों का कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया गया है ताकि जनजातीय समुदायों के अधिकारों और आरक्षण के प्रावधानों का सही तरीके से कार्यान्वयन हो सके।