Tuesday, August 26, 2025
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विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर विशेष लेक: महेन्द्र सिंह मरपच्ची

Mahendra singh Marpachchi/manendragarh: विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस हर साल 28 मई को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य मासिक धर्म से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना और इस विषय पर जागरूकता बढ़ाना है। छत्तीसगढ़ के विशेषकर ग्रामीण और ट्राइबल क्षेत्रों में मासिक धर्म को लेकर कई प्रकार की सामाजिक और सांस्कृतिक धारणाएँ आज भी हैं, जो महिलाओं के स्वास्थ्य और उनके समाज में स्थान को लेकर आज भी प्रभावित करती हैं।

छत्तीसगढ के साथ – साथ पूरे भारत में मासिक धर्म के प्रति कुछ अलग ही धारणा व्यापक रूप से रूढ़िवादी और संकोची है। अधिकतर लोग महावारी विषय पर खुलकर बात नहीं करते है, जिससे महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण इलाकों में खासकर ट्राइबल समुदायों में स्वच्छता उत्पादों की उपलब्धता और जागरूकता की कमी के कारण महिलाओं को अस्वस्थ और अस्वच्छ तरीकों का सहारा लेना पड़ता है, जिससे कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएँ बढ़ जाती हैं।

ट्राइबल समुदायों में आज भी मासिक धर्म से जुड़ी कई प्रकार की परंपराएं और रूढ़िवादिता पाई जाती है। इन समुदायों में मासिक धर्म को अशुद्ध माना जाता है, और महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों से दूर रखा जाता है।

{विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस}

 ट्राइबल समुदायों में मासिक धर्म को अशुद्ध मानने के पीछे कई सामाजिक, सांस्कृतिक, और धार्मिक धारणाएं भी हैं, जो उनके पूर्वजों से पीढ़ी दर पीढ़ी से चली आ रही हैं। कई जगह ट्राइबल समुदायों में मासिक धर्म को धार्मिक दृष्टिकोण से अशुद्ध माना जाता है। यह विश्वास किया जाता है कि मासिक धर्म के दौरान महिला का शरीर अपवित्र होता है, और इस समय उन्हें धार्मिक गतिविधियों जैसे, खाना पकाने, पूजा-पाठ न करने के अलावा कई प्रकार की बंदिश रहता है, ट्राइबल समुदाय के महिलाओं को 5 या 7 दिन तक न काम करने की सलाह दिया जाता है, माना जाता की इन सभी जगहों पर ट्राइबल समुदाय के देवी देवता और उनके पूर्वज निवास करते है, यह रिवाज ट्राइबल समुदाय में प्राचीन काल से चलती आ रही है । ट्राइबल समुदाय के महिलाओं की स्थिति और भूमिका को लेकर भी मासिक धर्म पर विशेष परंपराएँ होती हैं। मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को कई जगह अलग-थलग रहना पड़ता है, और उन्हें सामाजिक गतिविधियों से भी दूर रखे रहने की परम्परा है जो सामाजिक संरचना के साथ उनकी संस्कृति का हिस्सा माना जाता रहा है । अगर हम पुराने समय की बात करें तो मासिक धर्म का कारण अज्ञानता भी हो सकता है । 

उस दौरान ट्राइबल समुदाय में स्वच्छता उत्पादों की कमी और उनके बारे में जानकारी का अभाव बहुत ज्यादा होता था। इसलिए मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव को संभालने के लिए महिलाओं को अलग रखा जाता था ताकि किसी भी प्रकार के संक्रमण और स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सके। हालांकि आज स्वास्थ्य जागरूकताओ के कारण धीरे-धीरे एक सामाजिक और धार्मिक रूप ले रहा है और पहले से कही कही सुधार हो रहा है ।

हालांकि पिछले कुछ वर्षों में जागरूकता कार्यक्रमों और सरकारी प्रयासों के माध्यम से स्थिति में सुधार हो रहा है। विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। स्कूलों और समुदायों में शिक्षा कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे लड़कियों और महिलाओं को स्वस्थ और स्वच्छ मासिक धर्म प्रबंधन के बारे में जानकारी बहुत तेजी से मिल रही है।

अगर हम वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखे तो मासिक धर्म एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है और इससे जुड़ी किसी भी प्रकार की भ्रांतियों को दूर करना आवश्यक है। मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन के लिए सस्ते और सुलभ सैनिटरी उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करना चाहिए। साथ ही मासिक धर्म पर खुलकर बात करने के लिए समाज को प्रेरित करना चाहिए ताकि महिलाएं इस विषय पर संकोच न करें और उनकी समस्याओं का समाधान हो सके।

मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को विशेष ध्यान देने की जरूरत है, नहीं तो कई प्रकार के बीमारी फैलने का समस्या भी हो सकता है?

जैसे :- 1. डिसमेनोरिया (दर्दनाक मासिक धर्म): मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक दर्द या ऐंठन होना डिसमेनोरिया कहलाता है। यह दो प्रकार का हो सकता है: प्राथमिक डिसमेनोरिया जो सामान्य मासिक धर्म का हिस्सा होता है, और द्वितीयक डिसमेनोरिया जो किसी अंतर्निहित बीमारी के कारण होता है, जैसे एंडोमेट्रियोसिस या पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID)। 2. प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS): मासिक धर्म से पहले कई महिलाओं को शारीरिक और मानसिक लक्षणों का अनुभव होता है, जैसे सिरदर्द, थकान, चिड़चिड़ापन, और मूड स्विंग्स। यह स्थिति PMS के रूप में जानी जाती है। 3. प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर (PMDD): यह PMS का एक गंभीर रूप है, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण अधिक तीव्र होते हैं। इसमें अवसाद, चिंता, चिड़चिड़ापन, और भावनात्मक अस्थिरता शामिल हो सकते हैं। 4. एंडोमेट्रियोसिस: इस स्थिति में गर्भाशय की परत (एंडोमेट्रियम) गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगती है, जिससे अत्यधिक दर्द और बांझपन हो सकता है। एंडोमेट्रियोसिस मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक दर्द और असामान्य रक्तस्राव का कारण बन सकता है। 5. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS):- PCOS एक हार्मोनल विकार है जिसमें अंडाशय पर छोटे सिस्ट (गांठें) बन जाते हैं। इसके लक्षणों में अनियमित मासिक धर्म, वजन बढ़ना, चेहरे पर बालों का बढ़ना, और बांझपन शामिल हैं। 6.पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID): यह गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब, और अन्य प्रजनन अंगों का संक्रमण है। PID आमतौर पर यौन संचारित संक्रमणों (STIs) के कारण होता है और मासिक धर्म के दौरान अधिक दर्द और असामान्य रक्तस्राव का कारण बन सकता है। 7. अत्यधिक मासिक धर्म रक्तस्राव (मेनोरेजिया): इस स्थिति में मासिक धर्म का रक्तस्राव सामान्य से अधिक और लंबे समय तक होता है। यह एनीमिया (रक्ताल्पता) और थकान का कारण बन सकता है। 8. ओलिगोमेनोरिया और अमेनोरिया: ओलिगोमेनोरिया में मासिक धर्म अनियमित होता है और कभी-कभी होता है, जबकि अमेनोरिया में मासिक धर्म पूरी तरह से बंद हो जाता है। ये स्थितियां हार्मोनल असंतुलन, अत्यधिक वजन घटाने, या अधिक व्यायाम के कारण हो सकती हैं। 9. योनि संक्रमण: मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता की कमी से योनि संक्रमण हो सकता है। इसमें बैक्टीरियल वेजिनोसिस, यीस्ट इंफेक्शन, और अन्य संक्रमण शामिल हैं, जो खुजली, जलन, और असामान्य डिस्चार्ज का कारण बन सकते हैं।

इसलिए मासिक धर्म के समय चिकित्सकीय सलाह और देखभाल की आवश्यकता बहुत जरूरी होती है। महिलाए मासिक धर्म के समय नियमित स्वास्थ्य जांच करवाते रहे ।

यह विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस हमें यह याद दिलाता है कि मासिक धर्म को लेकर भ्रांतियों और रूढ़ियों को समाप्त करने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। विशेष रूप से ट्राइबल और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता और स्वच्छता सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर हम एक स्वस्थ और समतामूलक समाज की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।

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