नई दिल्ली: संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग “डॉट” ने नागरिकों को एक सलाह जारी की है कि वे ऐसी फर्जी कॉलों पर ध्यान न दें, जिसमें कॉल करने वाले उनके मोबाइल नंबरों को डिस्कनेक्ट करने की धमकी दे रहे हैं, या उनके मोबाइल नंबरों का कुछ अवैध गतिविधियों में दुरुपयोग किए जाने की बात कह रहे हों।
दूरसंचार विभाग ने विदेशी मूल के मोबाइल नंबरों (जैसे +92-xxxxxxxxx) से सरकारी अधिकारियों के नाम पर लोगों को ठगने वाले व्हाट्सएप कॉल के बारे में भी सलाह जारी की थी। साइबर अपराधी ऐसी कॉल के जरिए साइबर अपराध/वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए धमकी देने या निजी जानकारी चुराने की कोशिश करते हैं। डॉट/ट्राई अपनी ओर से किसी को भी इस तरह की कॉल करने के लिए अधिकृत नहीं करता है और ऐसे मामले में लोगों को सतर्क रहने तथा संचार साथी पोर्टल www.sancharsathi.gov.in/sfc डॉट नागरिकों को पहले से ही साइबर अपराध या वित्तीय धोखाधड़ी के शिकार होने की स्थिति में साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 या www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करने की सलाह देता है।
संदिग्ध धोखाधड़ी संचार से निपटने और साइबर अपराध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए विभिन्न उपाय किए गए हैं:
- चक्षु सुविधा के तहत, नागरिकों को दुर्भावनापूर्ण और फ़िशिंग एसएमएस भेजने में शामिल 52 प्रमुख संस्थाओं को काली सूची में डाल दिया गया है। 700 एसएमएस सामग्री टेम्पलेट निष्क्रिय कर दिए गए हैं। सभी दूरसंचार ऑपरेटरों में अखिल भारतीय आधार पर 348 मोबाइल हैंडसेट ब्लैकलिस्ट किए गए।
- 10,834 संदिग्ध मोबाइल नंबरों को दूरसंचार ऑपरेटरों को पुन: सत्यापन के लिए चिह्नित किया गया, जिनमें से 30 अप्रैल, 2024 तक पुन: सत्यापन में विफल रहने पर 8,272 मोबाइल कनेक्शन काट दिए गए।
- साइबर अपराध/वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल होने के कारण पूरे भारत में 1.86 लाख मोबाइल हैंडसेट ब्लॉक किए गए।
- डॉट/ट्राई के नाम पर फर्जी नोटिस, संदिग्ध धोखाधड़ी संचार और प्रेस, एसएमएस और सोशल मीडिया के माध्यम से दुर्भावनापूर्ण कॉल के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए जनता को नियमित आधार पर सलाह जारी की जाती है।