नई दिल्ली: विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर फैली जा रही भ्रामक सूचनाओं के मद्देनजर को देखते हुए सरकार ने वित्त अधिनियम 2023 के अंतर्गत धारा 115बीएसी(1ए) के तहत नई कर व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। यह नई व्यवस्था वित्त वर्ष 2023-24 से लागू हो रही है और अनुमानित वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मूल्यांकन के रूप में उपयुक्त है।
नई कर व्यवस्था के अनुसार, निम्नलिखित आय वर्गों के लिए नये कर दरें लागू की गई हैं:
- 0-3 लाख आय: 0 प्रतिशत
- 3-6 लाख आय: 5 प्रतिशत
- 6-9 लाख आय: 10 प्रतिशत
- 9-12 लाख आय: 15 प्रतिशत
- 12-15 लाख आय: 20 प्रतिशत
- 15 लाख से अधिक आय: 30 प्रतिशत
इस नई व्यवस्था के तहत करदाता को चुनने का विकल्प भी है, जिसे वह अपनी आय के हिसाब से उपयुक्त मानता है। नई व्यवस्था के अंतर्गत कोई भी अतिरिक्त छूट या कटौती जैसे वेतन से 50,000 रुपये और पारिवारिक पेंशन से 15,000 रुपये की मानक कटौती नहीं दी जाएगी।
इस बदलाव के साथ 01 अप्रैल 2024 से कोई नए परिवर्तन की घोषणा नहीं की गई है, जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 में लागू होने वाली नई व्यवस्था केवल उसी रूप में बनी रहेगी। ध्यान देने वाली बात है कि यह नई कर व्यवस्था केवल कंपनियों और फर्मों के लिए ही नहीं है, बल्कि इसका प्रभाव अन्य व्यक्तियों तक भी पहुंचेगा जिनकी आय इन आय वर्गों में आती है।
इस समय नए कर व्यवस्था और पुरानी कर व्यवस्था के बीच स्विच करने का विकल्प करदाता के पास है, जो उसके वित्तीय प्राथमिकताओं और आय के आधार पर निर्णय लेने का अधिकार देता है।
यह नई कर व्यवस्था भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य सरल, विश्वसनीय, और प्रभावी करना है। इसे आय वर्गों के अनुसार वितरित करके बजट और राजकोष