Korba Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में राजनीतिक दलों की हलचल बढ़ती जा रही है, जब गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने अपने उम्मीदवारों के जरिए चुनावी मैदान में अब तक कदम रखा है। इस दल ने छत्तीसगढ़ की सभी 10 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं ।
इनमें से रायपुर से लाल बहादुर यादव और कोरबा से श्याम सिंह मरकाम, महासमुंद से फरीद कुरैशी, सरगुजा संभाग से एल एस उदय, रायगढ़ से मदन गोंड, जांजगीर चांपा से मदहरण भारतव्दाज, बिलासपुर से नंद किशोर राज, दुर्ग से मनहरण सिंह मरकाम, बस्तर से टीकम नागवंशी कांकेर से सुखचंद नेताम शामिल हैं। यह देखा जा रहा है कि इस दल के संस्थापक दादा हीरासिंह मरकाम के जाने के बाद टूटती नजर आ रहा था । लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के उम्मीदवार तुलेश्वर सिंह मरकाम ने बेटे के रूप में दम दिखाया है।
तुलेश्वर मरकाम ने पाली-तानाखार सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी को 500 मतों के मामूली अंतर से हराया था, जिससे उनकी पार्टी की बढ़त का संकेत मिलता है। दादा हीरासिंह मरकाम के बेटे तुलेश्वर सिंह मरकाम ने गांव-गांव जाकर लोगों की समस्याओं को सुना और चुनावी अभियान में कामयाबी हासिल की है।
इस बार की चुनावी लड़ाई में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की मौजूदगी कांग्रेस और भाजपा जैसे राष्ट्रीय दलों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण चुनौती प्रदान कर रही है। इस दल की साफ-सुथरी राजनीतिक योजनाएं और आदिवासी समुदाय के मुद्दों पर गंभीरता से चर्चा करने की क्षमता उन्हें लोकप्रियता में एक उच्च स्तर पर ले गई है।
इस दल का यह कहना है कि वे कार्पोरेट से वसूली नहीं करते हैं, बल्कि चुनाव लड़ने के लिए अपने समर्थकों से ही चंदा लेते हैं और यहां तक कि कार्यकर्ताओं को भी रोजगार के लिए भुगतान नहीं करते हैं। उनकी सबसे बड़ी लड़ाई जल-जंगल-जमीन और आदिवासी संस्कृति को बचाने के लिए है, जिसकी आज बहुत ज्यादा जरूरत है।
छत्तीसगढ़ के राजनीतिक परिदृश्य में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की बढ़त एक महत्वपूर्ण विकल है।