Raipur Chhattisgarh: आदिवासी छात्र संगठन (ASU) ने आदिवासी छात्रहित व सामाजिक-हित जैसे विषयों पर मांग की है की छत्तीसगढ़ प्रदेश एक आदिवासी बाहुल्य राज्य होने के साथ-साथ यहां कि संस्कृति परम्परा व रिती-रिवाज से परिपूर्ण धरोहर आदिवासी समाज से जुड़ा हुआ है। साथ ही छत्तीसगढ़ में लगभग 42 जनजाति समुदाय के लोग निवास करते हैं। परन्तु हम सभी जनजाति समाज का “जड़” एक ही है, जो कि “आदिवासी” है। छत्तीसगढ़ के जल, जंगल, जमीन को बचाने के लिए हमारे आदिवासी समाज के अनेकों महापुरुषों ने अपने प्राणों का भी न्यौछावर कर दिया। परन्तु आज भी आदिवासी समाज के लोग जल, जंगल, जमीन को बचाने के लिए धरातलों पर आकर लड़ाई लड़ रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में अधिकतर आदिवासी छात्र/छात्राएं दुरस्त वनांचल क्षेत्रों से आते हैं। जिन्हें आज के समय में सामाजिक पहलुओं से जोड़ना एक प्रश्न बनकर रह गया है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि आज भी उन दुरस्त वनांचल क्षेत्रों में शिक्षा का बुनियादी सुविधा पुर्ण रुप से नहीं पहुंच पाया है। जिससे आदिवासी समाज के विकास में ऐसे अनेक समस्याएं आज भी हैं। तत्पश्चात आज भी उनके जमीनों को बाहरी आडंबरों द्वारा षड्यंत्र-पुर्वक लुटा जा रहा है। आज भी हमारे इस आदिवासी समाज में शोषण जैसे निंदनीय कृत्य लगातार बढ़ते जा रहे हैं। तथा आज के दौर में भी हम उन मुलभुत सुविधाओं तक नहीं पहुंच पाएं हैं। जहां आज के दौर में दुनिया के अन्य सभी लोग विभिन्न मुकामों पर अपनी परचम लहरा रहे हैं।
1. आदिवासी एजेंडा
आदिवासी छात्र संगठन ने सबसे पहले आदिवासी समुदाय के लिए इस तरह का एजेंडा बनाकर मांग किया हैं की छत्तीसगढ़ में गैर आदिवासियों को दिए गए वनाधिकार पट्टा तत्काल निरस्त करने के संबंध में, छत्तीसगढ़ प्रदेश के अनुसूचित, क्षेत्रों में 5-वी,6-वी अनुसूची पूर्ण रुप से लागू करने के संबंध में, गैर आदिवासियों को दिए गए वनाधिकार पट्टा, का तत्काल जांच कराकर उन पर कार्रवाई करने के संबंध में, 32% आरक्षण रोस्टर के अनुसार प्रमोशन में आरक्षण का नियम बनाकर, सन् 2000 से इस प्रमोशन – आरक्षण नियम को लागू करने के संबंध में, छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह, वीर गुंडाधूर, शहीद गेंद सिंह, वीर सीता राम कंवर, वीरांगना महारानी दुर्गावती, दादा हीरा सिंह मरकाम जी का नामकरण कर उनकी प्रतिमा शहर के चौक चौराहों पर लगाने के संबंध में, प्रदेश के विभिन्न विभागों में बैठे फर्जी, जाती प्रमाण पत्र धारित गैर आदिवासियों पर तत्काल निरस्त कर कार्रवाई शुरू किए जाने के संबन्ध में मांग पत्र सौंपा है।
2. “छात्रहित – एजेंडा”
आदिवासी छात्र संगठन की दूसरा एजेंडा छात्र हित की मांगों को लेकर मांग किया है की सरगुजा व बस्तर संभाग के सभी विकास खण्डो में युवा- कैरियर के तहत कोचिंग सेंटर उपलब्ध कराने के संबंध में, छत्तीसगढ़ में संचालित सभी पोस्ट मैट्रिक, प्री-मैट्रिक आदिवासी छात्रावासों में सीटों की संख्या बढ़ाकर 200 सीटर नवीन आदिवासी छात्रावासों का निर्माण किए जाने के संबंध में, छत्तीसगढ़ के सभी निजी / शासकीय शैक्षणिक संस्थानों में 32% आरक्षण रोस्टर नियम का पालन पुर्ण रुप से किए जाने के संबंध में, छत्तीसगढ़ के सभी आदिवासी छात्रावासों में आदिवासी अधिक्षकों का भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ किए जाने के संबंध में, छत्तीसगढ़ में संभाग स्तर पर मेडिकल/इंजीनियरिंग/गेट जैसे विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सभी संभागों में कोचिंग सेंटर उपलब्ध कराने के संबंध में, पिछड़ी-जनजाति के छात्र/ छात्राओं के लिए विशेष रूप से पिछड़ी-जनजाति बाहुल्य क्षेत्र (कवर्धा, जशपुर, गरियाबंद, अबुझमाड़) में पृथक छात्रावास का निर्माण कराने के संबंध में, छत्तीसगढ़ के सभी विश्वविद्यालयों में “UGC” द्वारा लागू “पीएचडी” में आरक्षण रोस्टर नियम का पालन किए जाने की मांग की गई है ।
वही आदिवासी छात्र संगठन (ASU) ने शासन से अनुरोध किया हैं की इस मांग पत्र विचार-विमर्श कर संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी करने को कहा गया हैं ।