सुरजपुर छत्तीसगढ़: फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर शिक्षा विभाग में नौकरी करने वाली महिला प्रधान पाठक को जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच के बाद बर्खास्त कर दिया है। साथ ही मामले की जांच भी चल रही है। फर्जी जाति प्रमाण-पत्र से सहायक शिक्षक बनी संचिता रानी मंडल के कागजात में गड़बड़ी की पुष्टि होने पर डीईओ ने कार्रवाई की है। संचिता रानी मंडल वर्तमान में प्राथमिक शाला सोनवाही उपकापारा विकास खंड सूरजपुर में प्रधान पाठक के पद पर पदस्थ था ।
1994 में सहायक शिक्षक “अलिपिकीय तृतीय श्रेणी” के पद पर प्रथम नियुक्ति अनुसूचित जाति प्रवर्ग के लिए आरक्षित रिक्त पद के विरूद्ध उनके द्वारा प्रस्तुत अनुसूचित जाति के प्रमाण-पत्र के आधार पर हुई थी, जबकि महिला उस जाति की नहीं है। जारी बर्खास्तगी के आदेश में बताया गया कि संचिता रानी मंडल द्वारा फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर शासकीय नौकरी प्राप्त करने की शिकायत की जांच जिला स्तरीय जाति सत्यापन समिति ने 2018 में ही की थी, लेकिन इसके बाद भी उन्हें अपनी जाति प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने समय दिया था। इसके बाद भी शिक्षिका मंडल ने जाति सत्यापन के लिए साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराया और न ही उपस्थित हुईं। इसके बाद तहसीलदार सूरजपुर को जाति प्रमाण-पत्र सत्यापन दायरा पंजी को जांच करने के निर्देश दिए थे।
वही रामलाल पटेल, जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि सूरजपुर का प्रकरण बहुत पुराना है। शिकायत के बाद जांच में जाति प्रमाण-पत्र फर्जी मिला था। कार्रवाई के पूर्व संबंधित कर्मचारी को अपना पक्ष रखने विधिवत अवसर दिया था, लेकिन किसी भी प्रकार का संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इससे ऐसे मामलों में शासन द्वारा दिए गए निर्देश के तहत एक मार्च को प्रकरण का निराकरण करते हुए संचिता रानी मंडल को सेवा से बर्खास्त किया गया है ।