उमाशंकर मरपच्ची (सुरजपुर) -: आज रावण महिषासुर , कुंभकरण के दहन एवं असुर राजा महिषासुर को दुर्गा के साथ प्रतिमा ना लगाने के संबंध में शंभू शक्ती सेना ने कलेक्टर सूरजपुर में विरोध करते हुए ज्ञापन सौंपा जिसमें प्रमुख माँग अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों पर जहां पांचवीं अनुसूची क्षेत्र लागू है वहां किसी भी प्रकार से रावण दहन एवं दुर्गा के साथ असुर राजा महिषासुर का प्रतिमा ना लगाने के लिए ज्ञापन दिया गया, एवं बुराई का प्रतीक मानकर जिसे जलाया जाता है । उस बुराई को खत्म कीजिए ना की किसी वंशज को या किसी के पूर्वजों को जलाने का हक किसी को नहीं है । और बार-बार जलाना यह किस समाज में परंपरा है वैसे भी जनजातीय समाज में मिट्टी संस्कार करते हैं । पर गलत तरीके से लोगों में विचारधारा को थोपा जा रहा है ।


जिसकी कड़ी निंदा हम करते हैं समस्त मूलनिवासी समाज पूरे भारत देश में अपना पुरखा अपना इष्ट देव मानकर सेवा पूजा अर्चना करता है । आज रात दिन चोरी डकैती बलात्कारी स्मगलिंग ऐसे तमाम बुराइयां छुपा हुआ है , जिसको मनुष्य स्वयं खत्म कर सकता है , लेकिन यहां बुराई के प्रतीक किसी के वंशज को जलाना कतई स्वीकार नहीं है , वैसे भी सभी धर्म में बांस को जलाना वर्जित है क्योंकि भारी मात्रा में बांस में लेड और प्रचुर मात्रा में मेटल धातु पाए जाते हैं जो विषैली धुआ न्यूरोटाक्साइड लेड ऑक्साइड बनाता है । जिससे मनुष्य में लीवर और मस्तिष्क संबंधी बीमारी पैदा होता है और आप बिना बांस के कोई भी पुतला का निर्माण नहीं कर सकते इसलिए हमारी समाज के पुरखों को जलाना बंद करें भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है जहां सभी धर्मों का सम्मान होना है पर यहां रितु मानसिकता के लोग सिर्फ मनोरंजन के लिए किसी के पूर्वजों को जलाना यह एक घृणित मानसिकता है जिसका विरोध शंभू शक्ती सेना ने समस्त मूलनिवासी आदिवासी समाज की ओर से किया और समस्त आदिवासी क्षेत्रों पर इसे तत्काल रोक लगाने की मांग महामहिम राष्ट्रपति राज्यपाल को ज्ञापन कलेक्टर सूरजपुर के माध्यम से दिया गया । जिसमें राकेश सांडिल प्रदेश अध्यक्ष शंभू शक्ती सेना छत्तीसगढ़ रीझन सिंह उरेती संरक्षक गोंड समाज, प्रमोद कुमार मरावी, दिर्घेश प्रताप श्याम, इनाम सिंह मरावी, विजय टेकाम, भजन मरकाम ,प्रवीण सिंह कोर्राम, सतेन्द्र आयाम ,मोहर लाल टेकाम, देव साय उईके, कोर्राम, युवा प्रभाग सर्व आदिवासी समाज सुरजपुर के कार्यकर्ता उपस्थित थे ।