एमसीबी, छत्तीसगढ़। जिले में 74,755 जॉब कार्ड धारक परिवार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना के तहत प्रतिवर्ष रोजगार अर्जित कर रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 का वर्षाकाल समाप्त हो चुका है, और ग्राम पंचायतों से रोजगार सृजन हेतु मांग पत्र प्राप्त हो रहे हैं। जिले की सभी निर्माण एजेंसियों को निर्देशित किया गया है कि वे ग्राम पंचायतों से प्राप्त मांग पत्रों के अनुसार तुरंत रोजगार उपलब्ध कराएं, ताकि किसी भी ग्राम पंचायत में रोजगार की कमी के कारण पलायन जैसी परिस्थितियाँ न उत्पन्न हों।
साथ ही, संपूर्ण प्रदेश में चल रहे “मोर गाँव मोर पानी“ महाअभियान के अंतर्गत जिले में भू-जल संरक्षण और जल संवर्धन के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इस अभियान के तहत मनरेगा योजना अंतर्गत अनुमेय रोजगार मूलक कार्यों जैसे तालाब निर्माण और गहरीकरण, डबरी का निर्माण, परकोलेशन टैंक, लूज बोल्डर चेक/गेबियन संरचना, अर्दन चेक, हिल स्लोप ट्रीटमेंट, कंटूर ट्रेंच निर्माण, डब्ल्यूएटी का निर्माण, 5 प्रतिशत मॉडल, 30ः40 मॉडल, गली प्लग, डिफेक्ट बोरवेल रिचार्ज संरचना, सामुदायिक एवं व्यक्तिगत आजीविका गतिविधियों (मुर्गी/बकरी/पशु पालन शेड, अन्य उपयोगी संरचनाएँ) इस तरह के कार्य जिले के भू-जल स्तर को बनाए रखने और कृषि व प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में सहायक होंगे।
इसके साथ-साथ जिले में वर्तमान में चल रहे अधूरे कार्यों को भी पूरा कराने की आवश्यकता है। इसमें प्रधानमंत्री आवास एवं पीएम जन मन के 5,837 अधूरे कार्य शामिल हैं। मनरेगा पोर्टल पर वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 के स्वीकृत अपूर्ण कार्यों को दिसंबर 2025 तक पूर्ण करने के निर्देश जारी हैं। जिला प्रशासन ने सभी जनपद पंचायत और निर्माण एजेंसियों से आग्रह किया है कि वे इन निर्देशों का पालन करते हुए जिले में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन सुनिश्चित करें और “मोर गाँव मोर पानी“ महाअभियान के सफल क्रियान्वयन में योगदान दें।

