एमसीबी, छत्तीसगढ़! जिले में खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और छात्रों में प्रतिस्पर्धात्मक भावना विकसित करने के उद्देश्य से स्वामी आत्मानंद विद्यालय, मनेंद्रगढ़ में जिला स्तरीय शालेय खेलकूद प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया। इस आयोजन में कबड्डी (बालक/बालिका 14 एवं 17 वर्ष) और खो-खो (बालक/बालिका 14 वर्ष) की प्रतियोगिताएँ हुईं, जिनमें विकासखंड भरतपुर, खड़गवां और मनेंद्रगढ़ की टीमों ने हिस्सा लिया। कबड्डी प्रतियोगिता में खिलाड़ियों ने खेल भावना, रणनीति और ताकत का बेहतरीन प्रदर्शन किया। बालक 14 वर्ष वर्ग में मनेंद्रगढ़ की टीम ने शानदार खेल दिखाते हुए विजेता का खिताब अपने नाम किया।बालिका 17 वर्ष वर्ग में भी मनेंद्रगढ़ की खिलाड़ीाओं ने दृढ़ इच्छाशक्ति और समन्वय का परिचय देकर जीत दर्ज की। वहीं बालक 17 वर्ष और बालिका 14 वर्ष वर्ग में खड़गवां की टीमों ने अपने दमदार प्रदर्शन से सभी को प्रभावित करते हुए विजेता बनने का गौरव हासिल किया।प्रतियोगिता के दौरान खिलाड़ियों के बीच रोमांचक टक्कर देखने को मिली। कई बार मुकाबला बराबरी पर पहुँच गया, जिससे दर्शकों में उत्साह और तनाव दोनों का वातावरण बना रहा।
खो-खो की प्रतियोगिताओं में जनकपुर की टीमों ने अपना परचम लहराया। 14 वर्ष बालक और बालिका दोनों वर्गों में जनकपुर की टीमें विजेता रहीं। तेज गति, चपलता और सामंजस्य का शानदार प्रदर्शन कर जनकपुर ने साबित कर दिया कि मेहनत और लगन से किसी भी प्रतियोगिता में श्रेष्ठता हासिल की जा सकती है। विजेताओं का सम्मान और प्रेरक संदेश समापन अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री आर. पी. मिरे और जिला खेल अधिकारी श्री विनोद जायसवाल ने विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार और बधाई प्रदान की। उन्होंने कहा कि खेल बच्चों के सर्वांगीण विकास का माध्यम है। खेल न केवल शारीरिक क्षमता को बढ़ाते हैं, बल्कि उनमें अनुशासन, धैर्य और आत्मविश्वास जैसे गुण भी विकसित करते हैं। अधिकारियों ने खिलाड़ियों से खेल को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि जिले के युवा खिलाड़ी राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं। इस प्रतियोगिता की सफलता में व्यायाम शिक्षक किशोर दास, शिव चौधरी, संजीव डे और सुमित जायसवाल की अहम भूमिका रही। उनके मार्गदर्शन और परिश्रम से प्रतियोगिता का संचालन व्यवस्थित और निष्पक्ष रूप से हो सका। कार्यक्रम के दौरान विद्यालय प्रांगण में भारी संख्या में छात्र-छात्राएं, अभिभावक और खेल प्रेमी उपस्थित रहे। दर्शकों ने हर अंक पर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया, जिससे प्रतियोगिता का रोमांच और भी बढ़ गया।
इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि शिक्षा के साथ-साथ खेल भी विद्यार्थियों के जीवन का अभिन्न हिस्सा होना चाहिए। खेलों से न केवल शारीरिक तंदुरुस्ती मिलती है, बल्कि मानसिक विकास और नेतृत्व क्षमता भी निखरती है। जिला स्तरीय प्रतियोगिता ने खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर दिया और आगे राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए तैयार होने का मजबूत आधार भी प्रदान किया। जिला स्तरीय शालेय खेलकूद प्रतियोगिता का यह आयोजन न केवल खिलाड़ियों के लिए यादगार रहा, बल्कि पूरे जिले के लिए गौरव का क्षण भी साबित हुआ।

