अमेरिका,वॉशिंगटन! अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को निशाने पर लिया है। उन्होंने दावा किया कि भारत ने अब टैरिफ को शून्य तक कम करने की पेशकश की है, लेकिन यह कदम बहुत देर से उठाया गया। ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए भारत-अमेरिका संबंधों को “एकतरफा आपदा” करार दिया और कहा कि भारत ने दशकों से अमेरिकी व्यापार के साथ अनुचित व्यवहार किया है।
ट्रंप का यह बयान उस समय सामने आया जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। ट्रंप ने लिखा है कि अब टैरिफ को पूरी तरह कम करने की पेशकश की है, लेकिन अब देर हो रही है। उन्हें यह सालों पहले करना चाहिए था। भारत ने हम पर किसी भी अन्य देश से अधिक टैरिफ लगाए, जिससे अमेरिकी व्यवसायों को भारत में अपने उत्पाद बेचने में कठिनाई होती रही है। यह रिश्ता पूरी तरह से एकतरफा आपदा रहा है। उन्होंने भारत पर यह आरोप भी लगाया कि वह अपना अधिकांश तेल और सैन्य उपकरण रूस से खरीदता है और अमेरिका से बहुत कम। ट्रंप और मोदी के बीच कभी करीबी रही मित्रता अब भारत पर अमेरिकी निर्यात पर 50% तक की डिफॉल्ट टैरिफ दर और रूस के साथ हथियार व ऊर्जा व्यापार पर 25% शुल्क के कारण तनावपूर्ण हो चुकी है।टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबित व्हाइट हाउस के पूर्व सलाहकार पीटर नवारो ने भारत को लेकर विवादित बयान दिया। फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में नवारो ने कहा कि “भारत क्रेमलिन का धोबीघर” है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए भी सवाल उठाया कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता रूस और चीन के साथ क्यों निकटता बढ़ा रहे हैं। नवारो ने भारतीय समाज को लेकर विवादास्पद टिप्पणी करते हुए कहा, “ब्राह्मण भारतीय जनता की कीमत पर मुनाफाखोरी कर रहे हैं।” हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका कि नवारो ने “ब्राह्मण” शब्द का प्रयोग जातीय संदर्भ में किया या भारतीय अभिजात वर्ग की ओर इशारा किया। इस पूरे घटनाक्रम के बीच नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने अलग ही तस्वीर पेश की। दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर भारत-अमेरिका संबंधों को “नई ऊँचाइयों पर पहुँचता हुआ” बताया और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के हवाले से कहा कि दोनों देशों के बीच लोगों के आपसी रिश्ते इन संबंधों को मजबूत करने में सबसे अहम भूमिका निभा रहे हैं।